
चुनाव आयोग स्वयं ही असमंजस की स्थिति में है और हर दिन अपने ही फैसले और प्रक्रिया में बदलाव कर रही है।
Patna News In Hindi: पटना, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कांग्रेस और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष मतदाता पुर्नरीक्षण अभियान के मुद्दे को हमलोग बराबर उठा रहे हैं और चुनाव आयोग से मिलने का समय भी मांग रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग समय निर्धारित नहीं कर रहा है।
चुनाव आयोग स्वयं ही असमंजस की स्थिति में है और हर दिन अपने ही फैसले और प्रक्रिया में बदलाव कर रही है। यह किस तरह के पुर्नरीक्षण का कार्य हो रहा है कि चुनाव आयोग को पता ही नहीं चल रहा है कि क्या-क्या कार्य होंगे। अपने ही पुराने निर्देशों को हर दिन पलट रहे हैं जबकि हमलोगों ने पहले भी मांग की थी कि सर्वदलीय बैठक बुलायी जाये लेकिन इस दिशा में चुनाव आयोग की ओर से बैठक के संबंध में कोई बातें नहीं बतायी जा रही है और चुनाव आयोग के द्वारा इन बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
चुनाव आयोग से मिलने का समय भी हमलोगों ने मांगा है लेकिन चुनाव आयोग के द्वारा समय निर्धारित नहीं किये जा रहे हैं। चुनाव आयोग के द्वारा जिन दलीलों के साथ पुर्नरीक्षण की बात की जा रही है उससे ही उनकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 25 दिनों में 08 करोड़ वोटों तक ये कैसे पहुंचेंगे, बता नहीं पा रहे हैं। इस तरह के कार्य लोकसभा चुनाव से पहले क्यों नहीं कराये गये।
बीएलओ तीन बार मतदाता के घर पुर्नरीक्षण के कार्यों में जायेंगे और उस समय मतदाता को शारीरिक रूप से उपस्थित रहना होगा। जो रोजी-रोटी कमाने के लिए या छुट्टी मनाने के लिए घर से बाहर गये हुए हैं उनके संबंध में कोई बातें नहीं बतायी जा रही है। जबकि बिहार से पंजीकृत रूप से 03 करोड़ से उपर लोग पलायन करके दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमाने के लिए गये हुए हैं।
ऐसे लोगों के संबंध में भी कोई बातें स्पष्ट रूप से नहीं कही जा रही है। बिहार से बाहर होते हुए भी चुनाव के समय वोट डालने के लिए लोग अपने घरों पर आ जाते हैं और वोट डालते हैं। इस मामले में सबसे अधिक प्रभावित दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के लोग होंगे। प्रमाण के रूप में न तो आप आधार कार्ड को, ना ही मनरेगा कार्ड को और न ही अन्य दस्तावेज को मान रहे हैं।
इन्होंने कहा कि 11 दस्तावेज जो मांगे गये हैं उसमें कितने प्रतिशत लोगों के पास दस्तावेज हैं, चुनाव आयोग और सरकार को बताना चाहिए। कितने प्रतिशत के जन्म प्रमाण पत्र, स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मान्यता प्राप्त बोर्ड परीक्षा का प्रमाण पत्र और कितने प्रतिशत लोगों के फैमिली रजिस्टर, भूमि और जमीन के कागजात के प्रमाण हैं ये भी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। इन्हीं 11 दस्तावेजों के आधार पर वोटर्स को पुर्नरीक्षण के कार्यों में मान्यता देने की बातें कही गई है। बिहार के 94 लाख के करीब सभी जातियों में गरीबी रेखा से नीचे के लोग हैं जो जातीय गणना के बाद चिन्हित किये गये हैं, जिनकी आय 6000 से कम है उनके संबंध में भी सरकार को बताना चाहिए कि इनके लिए कौन से दस्तावेज उपलब्ध होंगे।
तेजस्वी ने आगे कहा कि लोकतंत्र की जननी बिहार से ही लोकतंत्र को समाप्त करने के दिशा में कार्य किये जा रहे हैं लेकिन बिहार और बिहारी अलर्ट हैं। आखिर सरकार की मंशा क्या है, ये बताना चाहिए। जब मतदाता अपने मताधिकार से वंचित होंगे तो उनका राशन और पेंशन के साथ छात्रवृति भी बंद कर दिया जायेगा। इनकी नागरिकता पर सवाल खड़ा करके आप इनको कहां भेजेंगे ये बताना चाहिए। ये गंभीर मामला है और चुनाव आयोग विपक्ष को समय नहीं दे रहा है। सभी चाहते हैं कि मतदाता पूरी तरह से वैध रहे लेकिन ये प्रक्रिया 2024 के लोकसभा के चुनाव के पहले क्यों नहीं किया गया। इनको मतदाता से पासपोर्ट साईज फोटो वो भी वाइट बैकग्रांउड वाला चाहिए। जब लोग बाढ़ और आपदा में फंसे हुए हैं तो फोटो खिचवाने कहां जायेंगे। ये कहीं न कहीं मतदाता वोट डालने के अधिकार को छीनने की साजिश है। 6 दिन बीत जाने के बाद भी 99.99 प्रतिशत लोगों तक अभी कर्मचारी पहूंचे ही नहीं हैं और ना ही प्रक्रिया शुरू हुई है। एनडीए के नेता इस मामले में चुप क्यों है जबकि गरीबों के नाम हटाये जाने की साजिश चल रही है। जातीय गणना कराने में 09 से 10 महीना लगा लेकिन ये 25 दिनों में ही कैसे प्रक्रिया पूरा करेंगे इस संबंध में स्पष्ट नहीं कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि केन्द्र में बैठी सरकार वैध नहीं है क्योंकि इसी वोटर लिस्ट पर 2024 के लोकसभा चुनाव हुए और जो आज मतदाताओं के पुर्नरीक्षण के नाम पर उनके अधिकार को छीन लिया गया है ये कौन सी नीति है। केन्द्र के इशारे पर सारी एजेंसिया उनके अनुसार काम कर रही है। सरनेम देखकर मतदाताओं के नाम हटाने का कार्य किये जायेंगे क्योंकि केन्द्र और नीतीश सरकार की मंशा ठीक नहीं है।
इस अवसर पर कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दिकी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, राज्यसभा सांसद संजय यादव, विधान पार्षद कारी मोहम्मद सोहैब, मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता एजाज अहमद, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अनवर आलम, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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