
श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य मंत्री से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफे की मांग की और चेतावनी दी
Bihar News In Hindi: पटना, मुजफ्फरपुर में एक दलित नवयुवती के साथ हुई जघन्य दरिंदगी और इलाज में लापरवाही के कारण उसकी मृत्यु ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और महिला सुरक्षा की बदहाली को उजागर कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इस मामले को लेकर बिहार सरकार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस घटना को "डबल इंजन सरकार" की विफलता का प्रतीक बताते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और स्वास्थ्य व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग की है।
बृजमोहन श्रीवास्तव का कड़ा रुख
एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार प्रभारी बृजमोहन श्रीवास्तव ने इस घटना को "बिहार के लिए शर्मनाक" करार देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को सीधे जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "मुजफ्फरपुर में एक दलित नवयुवती के साथ हुआ अमानवीय अत्याचार और फिर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में इलाज में देरी के कारण उसकी जान चली जाना बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का जीता-जागता सबूत है। यदि समय पर इलाज मिला होता, तो एक मासूम की जिंदगी बच सकती थी। मंगल पांडे की नाकामी और डबल इंजन सरकार की लापरवाही ने यह मौका छीन लिया।"
श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य मंत्री से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफे की मांग की और चेतावनी दी, "मंत्री जी बिहार की जनता की तकलीफों को नजरअंदाज कर अन्य राज्यों के मुद्दों पर ज्ञान बांटने में मशगूल हैं। यह जनता के साथ घोर विश्वासघात है। दोषियों और लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, और पीड़ित परिवार को तुरंत न्याय मिले। हम पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई तब तक लड़ेंगे, जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता।"
सूर्यकांत कुमार सिंह की चेतावनी
एनसीपी बिहार के प्रदेश संयोजक सूर्यकांत कुमार सिंह ने इस घटना को सरकार की नाकामी का चेहरा बताते हुए कहा, "मुजफ्फरपुर कांड ने डबल इंजन सरकार की असलियत बेनकाब कर दी है। एक दलित नवयुवती के साथ जघन्य अपराध और फिर इलाज में लापरवाही के कारण उसकी मृत्यु अक्षम्य है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की नाकामी ने बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को गर्त में धकेल दिया है। अस्पतालों में न समय पर इलाज मिलता है, न बुनियादी सुविधाएं। हम मांग करते हैं कि पीड़िता को न्याय मिले, अपराधियों को कठोर सजा दी जाए, और स्वास्थ्य मंत्री तुरंत इस्तीफा दें। बिहार की जनता अब इस अन्याय को और बर्दाश्त नहीं करेगी।"
रंजन प्रियदर्शी की न्याय की पुकार
प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी रंजन प्रियदर्शी ने इस घटना को बिहार के लिए कलंक बताते हुए कहा, "मुजफ्फरपुर में एक मासूम के साथ दरिंदगी और फिर पीएमसीएच में इलाज में देरी ने सरकार की संवेदनहीनता को उजागर किया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को जवाब देना होगा कि बिहार के अस्पताल मरीजों को इलाज के लिए क्यों भटकने पर मजबूर करते हैं? यह घटना बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली और महिला सुरक्षा के खोखले दावों का पर्दाफाश करती है। एनसीपी इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं रहेगी। हम सड़क से लेकर सदन तक पीड़ित परिवार के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। सरकार इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए और दोषी अधिकारियों व अपराधियों को तत्काल सजा दे।"
एनसीपी का संकल्प: न्याय तक संघर्ष
एनसीपी के नेताओं ने एक स्वर में मांग की कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी जिम्मेदार व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई हो और बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनसीपी पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है और उनके लिए न्याय सुनिश्चित करने तक अपना संघर्ष जारी रखेगी।
मुजफ्फरपुर कांड ने न केवल बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया है, बल्कि महिला सुरक्षा और दलित समुदाय के प्रति संवेदनहीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा किया है और सरकार पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ा दिया है।
इस मामले में एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पीड़ित परिवार के साथ पूरी तरह से खड़ी है और तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती और बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होता।
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