Tejashwi Yadav News: चुनाव आयोग नये-नये दिशा निर्देश दे रही है, स्पष्टीकरण की जगह गुमराह किया जा रहा है- तेजस्वी प्रसाद यादव

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Tejashwi Yadav News: चुनाव आयोग नये-नये दिशा निर्देश दे रही है, स्पष्टीकरण की जगह गुमराह किया जा रहा है- तेजस्वी यादव
Published : Jul 7, 2025, 7:00 pm IST
Updated : Jul 7, 2025, 7:00 pm IST
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Election Commission is giving new guidelines Tejashwi Prasad Yadav news in hindi
Election Commission is giving new guidelines Tejashwi Prasad Yadav news in hindi

इंडिया महागठबंधन के नेताओं ने मिलकर जो शंका और सवाल किये थे उस पर अभी तक चुनाव आयोग का कोई जवाब नहीं आया है।

Tejashwi Yadav News In Hindi: पटना,  नेता प्रतिपक्ष  तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने आवास 01 पोलो रोड, पटना में इंडिया महागठबंधन के नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 09 जुलाई, 2025 को ट्रेड यूनियन के द्वारा आयोजित चक्का जाम आन्दोलन में कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी सहित इंडिया महागठबंधन के सभी नेताओं के साथ मैं भी पटना में चक्का जाम आन्दोलन में शामिल रहूंगा, जो बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता पुनरीक्षण कार्यों के विरोध में आयोजित किया गया है। उसी दिन चुनाव आयोग के कार्यालय तक विरोध प्रदर्शन भी किया जायेगा।

इन्होंने आगे कहा कि 05 जुलाई, 2025 को बिहार के पटना स्थित चुनाव आयोग के कार्यालय में  इंडिया महागठबंधन के नेताओं ने मिलकर जो शंका और सवाल किये थे उस पर अभी तक चुनाव आयोग का कोई जवाब नहीं आया है। जनता और विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देकर लोगों को कन्फयूज किया जा रहा है और हर दिन चुनाव आयोग नये-नये दिशा निर्देश जारी कर रही है और विरोधाभाष की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने की जगह लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जबकि आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड के संबंध में किसी तरह की बातें स्पष्ट नहीं की जा रही है जबकि चुनाव आयोग के द्वारा फार्म-6 में इनसभी दस्तावेजों को नये वोटर्स के शामिल होने में मान्य माना गया है लेकिन चुनाव आयोग ने 24 जून, 2025 को जो अधिसूचना जारी की है उसमें इन दस्तावेजों की कोई मान्यता नहीं है और अलग से 11 दस्तावेज मांग गये हैं जो गरीब और वंचित वर्गों के लिए उपलब्ध कराना आसान नहीं है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने कल फुल पेज का विज्ञापन जारी किया लेकिन उसमें भी दो तरह की बातें कही गई है। विरोधाभाष की स्थिति चिंताजनक है। जहां चुनाव आयोग विज्ञापन में कुछ बातें कहती है वहीं दिशा-निर्देशन में दूसरी बातें होती है। विज्ञापन में जहां ये कहा गया कि बीएलओ के पास फार्म भरकर तत्काल जमा करा देना है और बाद में दस्तावेज दिया जाये लेकिन वहीं दूसरी ओर एक घंटे के बाद ही चुनाव आयोग ने कहा कि जो आदेश पहले से निर्गत किया गया है उसी अनुसार फार्म भरना है। और जो 11 दस्तावेज मांगे गये हैं उसी के अनुसार फार्म भरे जायेंगे। जहां 24 जून के आदेश और विज्ञापन में काफी अन्तर दिखाई देता है। 06 जुलाई, 2025 को चुनाव आयोग के कार्यालय के द्वारा 02 फेसबुक पोस्ट जारी किये जाते हैं। फिर एक घंटा बाद ये बताया जाता है कि 25 जुलाई, 2025 तक ही दस्तावेज उपलब्ध कराना होगा। चुनाव आयोग स्वयं ही स्पष्ट नहीं है और पूरे वोटर्स को कन्फयूज कर रही है।

चुनाव आयोग प्रेस नोट, अधिसूचना के माध्यम से कोई भी सूचना जारी करे जिसमें पूर्ण रूप से पारदर्शीता हो। जहां जनता के द्वारा उठाए गये सवाल, शंका और त्रुटियों का बिन्दुवार जवाब हो। बिहार के 04 करोड़ से अधिक निवासी बिहार के बाहर रहते हैं। क्या चुनाव आयोग उनका नाम काटना चाहती है, यह स्पष्ट करें। निर्वाचन आयोग हर दिन का ब्योरा विधान सभा वार रियल टाईम के साथ विवरणी चुनाव आयोग के वेबसाइट पर दें जिससे कि स्पष्ट हो सके कि किस तरह से कार्य हो रहे हैं। चुनाव आयोग यह बताये कि स्वयंसेवक के चयन का आधार क्या है और जो भी स्वयंसेवक बनाये गये हैं उसकी सूची को सार्वजनिक किया जाय जहां 28 जून, 2025 को चुनाव आयोग ने 01 लाख स्वयंसेवक लगाये जाने की बात कही वहीं 03 जुलाई, 2025 को 04 लाख स्वयंसेवक की बातें कही। आखिर इनके चयन का मापदंड क्या है और ये सरकारी हैं कि गैर सरकारी यह भी बताया जाय। कैसे चुनाव आयोग ने इनका चयन किया है ये भी स्पष्ट करें। निर्वाचन आयोग जनता की अपेक्षाओं और गरिमा के अनुरूप कार्य करे। लोगों के बीच संशय की स्थिति न खड़ा करे। जिस तरह से चुनाव आयोग का कार्य चल रहा है, ऐसा लगता है कि अन्तिम समय में मनमानी करके जिसका मन चाहेगा उसके अनुसार वोटर्स के नाम काट दिये जायेंगे। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राष्ट्रीय जनता दल सहित अन्य लोग गये हुए हैं। उम्मीद है कि इस तरह की जटिल प्रक्रिया पर चुनाव आयोग स्वयं आमजनों के हितों का ख्याल रखते हुए तत्काल इस तरह की प्रक्रिया को रोककर लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर होने से बचायेगी।

इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश राम ने कहा कि ईआरओ को जो अधिकार दिये गये हैं वह कहीं से उचित नहीं है। एक व्यक्ति को निर्णय लेने के अधिकार से कहीं न कहीं निष्पक्षता कम हो सकती है क्योंकि एक व्यक्ति को कोई भी प्रभावित कर सकता है। जब 25 जनवरी, 2025 को वोटर लिस्ट फाइनल रूप से आ गया है तब फिर से मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्य क्यों किये जा रहे हैं ये बताये जाये। इन्होंने कहा कि 09 जुलाई, 2025 को चक्का जाम आन्दोलन में इंडिया महागठबंधन और ट्रेड यूनियन के आह्वान का समर्थन करते हैं और इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्री राहुल गांधी जी पटना आ रहे हैं। चक्का जाम आन्दोलन में पटना के आयकर गोलम्बर से वीरचंद पटेल पथ होते हुए चुनाव आयोग तक विशाल प्रदर्शन सह चक्का जाम आन्दोलन किया जायेगा।

वीआईपी पार्टी के श्री मुकेश सहनी ने कहा कि शिक्षकों को पुनरीक्षण के कार्य में लगा दिया गया है जिससे बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। बिहार की जनता को अंधकार में रखकर बिना किसी सोच के लोगों को परेशान किया जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा ऐसी स्थिति बना दी गई है जिससे लोग परेशान हैं। जहां बीएलओ इस बात से परेशान हैं कि इतने कम समय में वोटर्स तक कैसे पहूंचे वहीं वोटर्स इस बात से परेशान हैं कि दस्तावेज कहां से लाये। सत्तापक्ष बिहार की जनता की परेशानी को नहीं देख रही है।

इस अवसर पर सीपीआई माले के कॉमरेड कुणाल ने कहा कि गरीबों की वोटबंदी का फैसला चुनाव आयोग ने जो लिया है तभी से ये विवाद है। समय सारिणी दस्तावेज और प्रक्रिया पर भी विवाद है। आपकी नीयत साफ नहीं है और मंशा भाजपा एनडीए को जीताने की है। जहां महाराष्ट्र में वोट बढ़ाकर और बिहार में वोट काटकर एनडीए को फायदा पहुंचाने की नीयत है। सारे सर्वे में इनके खिलाफ बातें आ रहे हैं। इन्होंने कहा कि 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि चुनाव आयोग किसी के नागरिकता का प्रमाण नहीं मांग सकता है लेकिन जो 11 दस्तावेज मांगे जा रहे हैं उसमें नागरिकता का प्रमाण ही मांगा जा रहा है। चुनाव आयोग ऐसे फैसले को वापस ले।

सीपीआई एम के विधायक कॉमरेड अवधेश कुमार ने कहा कि यह राजनीतिक साजिश है। जहां सर्वे रिपोर्ट में तेजस्वी जी के प्रति बिहार की जनता का विश्वास और समर्थन दिख रहा है। वहीं साजिश के तहत जनता को परेशान करने की नीयत से कार्य किये जा रहे हैं। इन्होंने कहा कि बिना कागजात के कोई भी फार्म नहीं भरे अन्यथा उनके नाम चुनाव आयोग के द्वारा काट दिये जायेंगे। 2024 के लोकसभा चुनाव के समय ये काम क्यों नहीं किये गये।

सीपीआई के कॉमरेड रामबाबू ने कहा कि चुनाव आयोग का यह कवायद संदेह के घेरे में है और लोकतंत्र पर हमला है। मोदी सरकार अपने अनुसार संवैधानिक संस्थानों का अपने हित में इस्तेमाल कर रही है, इसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल, कांग्रेस के प्रभारी  कृष्णा अलावरू, राज्यसभा सांसद  संजय यादव, राजद के मुख्य प्रवक्ता  शक्ति सिंह यादव, नवल किशोर यादव, एजाज अहमद, भाकपा माले के के.डी. यादव, सीपीआईएम के कॉमरेड अरूण कुमार, कांग्रेस के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री राजेश सिंह राठौर उपस्थित थे।

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