हिन्दी पखवारा के 11वें दिन साहित्य सम्मेलन में मनाई गई जयंती, आयोजित हुई कवि-गोष्ठी

खबरे |

खबरे |

हिन्दी पखवारा के 11वें दिन साहित्य सम्मेलन में मनाई गई जयंती, आयोजित हुई कवि-गोष्ठी
Published : Sep 12, 2023, 1:17 pm IST
Updated : Sep 12, 2023, 1:17 pm IST
SHARE ARTICLE
photo
photo

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन का आरंभ चंदा मिश्र की वाणी-वंदना से हुआ।

पटना:  'कर्ण' और 'कैकेयी' जैसे अमर प्रबंध-काव्यों के महान रचयिता महाकवि केदार नाथ मिश्र 'प्रभात' हिन्दी काव्य-साहित्य के एक ऐसे अनमोल रत्न हैं, जो अपने जीवन काल में ही भारत-वर्ष के अनेक साहित्यकारों के प्रेरणा-स्रोत बन चुके थे। वे स्वयं में एक जीवंत काव्य-कार्यशाला थे। उनका सान्निध्य और आशीर्वाद पाकर अनेक हिन्दी सेवी, साहित्य-संसार में, सादर प्रतिष्ठित हुए।

यह बातें सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, महाकवि की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह और कवि-गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने कही। डॉ सुलभ ने कहा कि प्रभात जी ने अपनी अद्भुत काव्य-प्रतिभा और कवित्त-शक्ति से, रामायण की खल-पात्रा 'कैकेयी' को भी, देश की तेजस्विनी 'राष्ट्र-माता' के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया। प्रभात जी के 'कर्ण',के संबंध में लिखते हुए, सर्वाधिक बिकने वाले हिन्दी उपन्यास 'मृत्युंजय' और 'युगंधर' के लेखक शिवाजी सावंत ने अपने उपन्यास की भूमिका में, इसे हिन्दी साहित्य का 'एक मात्र अनमोल गहना' कहा था। प्रभात जी उत्तर छायावाद काल के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और प्रबंधात्मक साहित्य के पुरोधा कवि हैं। 
समारोह का उद्घाटन करते हुए, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सी पी ठाकुर ने कहा कि प्रभात जी हिन्दी-साहित्य में अपने बदे योगदान के लिए सदा स्मरण किए जाते रहेंगे। वे बिहार के गौरव थे। 

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन का आरंभ चंदा मिश्र की वाणी-वंदना से हुआ। वरिष्ठ शायर आरपी घायल ने अपना हाले दिल यों कहा कि "मुद्दत के बाद मोम की मूरत में ढल गया/ मेरी वफ़ा की आग में पत्थर पिघल गया।" सम्मेलन के उपाध्यक्ष दा शंकर प्रसाद ने अपनी ग़ज़ल को स्वर देते हुए कहा कि "नींद आँखों में भी आती नहीं तनहाई में/ जाग कर रात कती पीर की गहराई में।"

शायरा तलत परवीन ने इन पंक्तियों से युवाओं की हौसला अफजाई की कि "न ख़ौफ़ खाओ कभी रात की स्याही से/ अगर है ज़िस्त तो नूरे सहर भी आएगा/ जो तिरंगी मेन गुज़रता है मेरे रस्ते से/उसे मैं देखूँ तो क्या वह नज़र भी आएगा"। शायरा शमा कौसर 'शमा' का कहना था कि"तेरी एक तस्वीर बनाई पानी पर/ यानि हमने आग लगाई पानी पर"। शायर मोईन गिरिडीहवी ने कहा - “कब कहा मैंने कोई बात पुरानी लिख ले/ कुछ नहीं लिख तू फ़क़त अपनी जवानी लिख ले।" अपने अध्यक्षीय काव्य-पाठ में डा सुलभ ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा कि "कुछ मत पूछो कैसे-कैसे लोग सयाने मिले मुझे/ प्रेम की पाती लिखने वाले ख़ंजर ताने मिले मुझे।"

सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, बच्चा ठाकुर, प्रभात जी के पुत्र मोहन मृगेंद्र, पुत्रवधू नम्रता कुमारी, डा अर्चना त्रिपाठी, जय प्रकाश पुजारी,प्रो सुनील कुमार उपाध्याय, सदानन्द प्रसाद, शंकर शरण मधुकर, अर्जुन प्रसाद सिंह, डा सुमेधा पाठक, अरुण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम लता सिंह राजपुत, आशा रघुदेव, इंदु उपाध्याय, डा प्रतिभा रानी, विशाल कुमार, पंकज प्रियम आदि ने भी अपनी रचनाओं से कवि-सम्मेलन को यादगार बनाया। मंच का संचालन कवि ब्रह्मानन्द पाण्डेय ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन कृष्ण रंजन सिंह ने किया।

इस अवसर पर सम्मेलन के अर्थ मंत्री प्रो सुशील कुमार झा, बाँके बिहारी साव, निर्मला सिंह, डॉ प्रेम प्रकाश, रंगकर्मी अभय सिन्हा, डा मनोरंजन कुमार मिश्र, नवल किशोर सिंह, महफ़ूज़ आलम, अशोक कुमार, दिगम्बर जायसवाल, कुमार गौतम आदी प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

Location: India, Bihar, Patna

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

'हमारा गांव बिकाऊ है' पोस्टर विवाद बढ़ा, SHO के खिलाफ कार्रवाई

03 Jun 2025 5:49 PM

रोती हुई महिला ने निहंग सिंह पर लगाया आरोप बेअदबी, फिरोजपुर जमीन विवाद निहंग सिंह मामला

03 Jun 2025 5:48 PM

पंजाब किंग्स की जीत! मुंबई इंडियंस को हराकर फाइनल में बनाई जगह, अब RCB से होगी बड़ी टक्कर

02 Jun 2025 6:41 PM

Punjab Kings Vs RCB ! सुनें दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मोहित शर्मा किसका कर रहे हैं समर्थन

02 Jun 2025 6:39 PM

जेल से बाहर आने के बाद जगदीश भोला का EXCLUSIVE वीडियो

02 Jun 2025 6:37 PM

राजबीर कौर ने बताया कपिल शर्मा और भारती बहुत शरारती हैं, Rajbir kaur Exclusive Interview

02 Jun 2025 6:35 PM