Patna News: शराबबंदी के बाद पौष्टिक नीरा में बढ़ रहा लोगों का रुझान

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Patna News: शराबबंदी के बाद पौष्टिक नीरा में बढ़ रहा लोगों का रुझान
Published : Jul 13, 2025, 3:18 pm IST
Updated : Jul 13, 2025, 3:18 pm IST
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After the liquor ban, people's interest in nutritious Neera is increasing news in hindi
After the liquor ban, people's interest in nutritious Neera is increasing news in hindi

इस नीरा सीजन में एक करोड़ 39 लाख लीटर से अधिक नीरा की हुई बिक्री

Patna News In Hindi: पटना, बिहार में वर्ष 2016 में लागू की गई पूर्ण शराबबंदी कानू-न के बाद राज्य में नीरा के सेवन का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। नीरा अब एक पौष्टिक पेय के रूप- में अपनी पहचान बना चुकी है। इसके बढ़ते प्रचलन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में इस साल नीरा सीजन में एक करोड़ 80 लाख लीटर से अधिक नीरा इकठ्ठा की गई है। इसमें एक करोड़ 39 लाख से अधिक लीटर नीरा की बिक्री की जा चुकी है। यह आंकड़ा इस वर्ष विगत अप्रैल से इस वर्ष 10 जुलाई के बीच का है।

मौजूदा सप्ताह में कुल चार लाख 87 हजार 532 लीटर नीरा ताड़ के पेड़ से इकठ्ठा की गई है। यानी प्रतिदिन एक लाख लीटर से अधिक नीरा का उत्पादन किया गया है। नीरा की बिक्री के लिए राज्यभर में कुल दो हजार 309 काउंटर संचालित किए जा रहें हैं।

 

स्वास्थय के लिए उपयोगी है नीरा: आयुक्त

आबकारी आयुक्त सह महानिरीक्षक पंजीकरण रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट में नीरा को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताया गया है। इनके अनुसार, यह ऊर्जा का प्राकृतिक स्त्रोत है। इसमें विटामिन-सी के साथ कई खास किस्म के एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। इसमें ग्लाईसेमिक इंडेक्स की मात्रा कम होती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए नुकसानदेह नहीं है। इससे मधुमेह रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं।

इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम और फास्फोरस जैसे खनिज प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं और इसको पीने से किसी तरह का नशा नहीं होता है। साथ ही इसमें मौजदू एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

 

मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना से जुड़े 10 हजार से अधिक टैपर्स

राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद ताड़ी एवं इसके व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए “मुख्यमंत्री सतत जीवकोपार्जन योजना” पूर्व से ही संचालित की जा रही है। ताड़ी के व्यवसाय में शामिल टैपर्स के जीवकोपार्जन के लिए विशेष रूप से सहायता देने के लिए “मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना” इस साल से शुरू की गई है। योजना को जीविका के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।

इस योजना के तहत 10 हजार 646 टैपर्स (नीरा उतारने वाले) और कुल 11 हजार 176 ताड़ के पेड़ के मालिकों को जोड़ा गया है। इसमें सबसे अधिक एक हजार 632 टैपर्स वैशाली जिले से हैं। इसके बाद एक हजार 184 टैपर्स गयाजी, 880 नालंदा, 749 मुजफ्फरपुर और 664 टैपर्स पटना जिला से निबंधित किए गए हैं। वहीं ताड़ के पेड़ मालिकों की संख्या सबसे अधिक 648 वैशाली, 509 नालंदा, 254 नवादा, 207 गयाजी और 190 पटना जिले से जुड़े हुए हैं। इन सभी को डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।

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ROZANASPOKESMAN

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