Patna News: अब समाज सुधार और शिक्षा के केंद्र बनेंगे मठ और मंदिर :प्रो. रणबीर नंदन

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Patna News: अब समाज सुधार और शिक्षा के केंद्र बनेंगे मठ और मंदिर :प्रो. रणबीर नंदन
Published : Aug 27, 2025, 6:44 pm IST
Updated : Aug 27, 2025, 6:44 pm IST
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Now monasteries temples will become centers of social reform and education Pr. Ranbir Nandan news in hindi
Now monasteries temples will become centers of social reform and education Pr. Ranbir Nandan news in hindi

प्रो. नंदन ने कहा बिहार की धार्मिक धरोहर को सांस्कृतिक पर्यटन से जोड़ा जाए ताकि रोजगार,अर्थव्यवस्था के नए अवसर पैदा हो सकें।

Patna News: पटना, रोजाना स्पोक्समैन  (राकेश कुमार ): बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने तय किया है कि अब राज्य के मठ और मंदिर केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं रहेंगे। इन्हें समाज सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक चेतना के प्रमुख केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।

पर्षद के अध्यक्ष प्रो. रणबीर नंदन ने बताया कि मंदिरों की सामाजिक उपयोगिता बढ़ाकर उन्हें जनता से गहराई से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मठ और मंदिर समाज सुधार, शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य और संस्कृति की धुरी बनेंगे और साथ ही बिहार की सनातन परंपरा को मजबूत करने के साथ समाज को नई दिशा देंगे। इसी उद्देश्य से कई नई योजनाएं तैयार की गई हैं जिन्हें जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

इस पहल की शुरुआत 18 सितंबर को पटना के बापू सभागार में होने वाले राज्यस्तरीय सम्मेलन से होगी। इसमें पंजीकृत मठ-मंदिरों के प्रबंधकों और संत-महात्माओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, विधि मंत्री मंगल पांडेय समेत मंत्रिमंडल और विधायिका के अन्य सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है।

प्रो. नंदन ने कहा कि युवाओं को जोड़ने के लिए मंदिर परिसरों में व्यायामशालाएं और अखाड़े स्थापित किए जाएंगे, जहां 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के युवक नियमित शारीरिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा आसपास की बस्तियों को पूर्णिमा और अमावस्या पर कथा-पाठ और सामूहिक अनुष्ठानों के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे आध्यात्मिकता और सामाजिक एकता को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्येक मठ और मंदिर अपने संसाधनों के अनुसार स्वाध्याय केंद्र, पुस्तकालय और निःशुल्क कोचिंग संस्थान शुरू करेगा। समाज सुधार के प्रयासों के तहत दहेज रहित विवाह को प्रोत्साहन दिया जाएगा और गरीब कन्याओं की शादी में सहयोग किया जाएगा। साथ ही शराबबंदी और नशा मुक्ति को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। संस्कृत और संस्कृति के संरक्षण के लिए मंदिर परिसरों में संस्कृत पाठशालाएं, वेदपाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।

प्रो. नंदन ने कहा कि भविष्य की योजनाओं में स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया गया है। जहां संभव होगा, वहां मंदिर परिसरों में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, आयुर्वेद और योग केंद्र खोले जाएंगे। युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे जिनमें सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर शिक्षा और अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल होंगे। इसके साथ ही वृक्षारोपण, जल-संरक्षण और स्वच्छता अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रो. नंदन ने यह भी संकेत दिया है कि बिहार की धार्मिक धरोहर को सांस्कृतिक पर्यटन से जोड़ा जाएगा ताकि रोजगार और अर्थव्यवस्था के नए अवसर पैदा हो सकें। महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम चलाकर उन्हें सामाजिक नेतृत्व में भागीदारी का अवसर भी दिया जाएगा।

पर्षद का मानना है कि इन पहलों से मठ और मंदिर केवल आस्था के केंद्र न रहकर समाज के सर्वांगीण विकास में भी अपनी भूमिका निभाएंगे।

 (For more news apart from Now monasteries and temples will become centers of social reform and education: Prof. Ranbir Nandan news in hindi,  stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)

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