
कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में, अगले 24 घंटों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
Himachal Pradesh Weather News: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश ने पूरे प्रदेश में कहर बरपा रखा है, जिससे भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में तेजी आई है। विशेष रूप से मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहाँ कई लोगों की जान चली गई है और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है।
मौसम की भयावह स्थिति:
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में, खासकर कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में, अगले 24 घंटों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। 6 जुलाई तक राज्य में बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका है। शिमला में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि कुछ इलाकों में गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
भूस्खलन से तबाही:
प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। मंडी में एक निर्माणाधीन बिजली टनल पर भूस्खलन होने से हड़कंप मच गया, जिसमें कई मजदूर अपनी जान बचाने के लिए भागते दिखे। पिछले 10 दिनों में राज्य में बारिश और संबंधित घटनाओं के कारण 44 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 82 घायल हुए हैं। लगभग 75 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान आंका गया है, जिसमें जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक क्षति पहुंची है। प्रशासन ने 22 भूस्खलन संभावित स्थानों को चिन्हित किया है, जिनमें से 17 'उच्च खतरे' की श्रेणी में हैं और कांगड़ा का संधोल 'बहुत अधिक खतरे' वाले स्थान के रूप में दर्ज किया गया है।
बादल फटने की घटनाएं और बाढ़:
मंडी जिले में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने भारी तबाही मचाई है। गोहर, करसोग और धर्मपुर जैसे इलाकों में बादल फटने से कई घर बह गए हैं, और लोग लापता बताए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर फ्लैश फ्लड की स्थिति भी उत्पन्न हुई है, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार क्षेत्र में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिससे लगभग 100-150 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मंडी में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में अनुमानित 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राहत और बचाव कार्य:
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय लोगों को निकालने का काम भी जारी है। हालांकि, लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है।
सरकार की अपील:
प्रदेश सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से पहले मौसम विभाग और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। नदियों और नालों के किनारे न जाने की सलाह भी दी गई है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और हर संभव मदद प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का यह कहर एक बड़ी चुनौती बन गया है, और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।
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