हिमाचल मतगणना : हिमाचल में ‘राज’ बदलेगा या ‘रिवाज’, कल किसकी चमकेगी किस्मत

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हिमाचल मतगणना : हिमाचल में ‘राज’ बदलेगा या ‘रिवाज’, कल किसकी चमकेगी किस्मत
Published : Dec 7, 2022, 4:26 pm IST
Updated : Dec 7, 2022, 4:58 pm IST
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Himachal Vote Counting: Will 'Raj' or 'Custom' change in Himachal, whose luck will shine tomorrow
Himachal Vote Counting: Will 'Raj' or 'Custom' change in Himachal, whose luck will shine tomorrow

गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है तो वहीं...

New Delhi : गुजरात के साथ ही सबकी निगाहें हिमाचल प्रदेश की ओर यह देखने के लिए टिकी हैं कि इस पर्वतीय राज्य में हर पांच साल पर राज बदलने का रिवाज कायम रहेगा या फिर यह रिवाज बदल जाएगा।

गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है तो वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा के बने रहने की आशा कर रही है।

पर्वतीय राज्य में बृहस्पतिवार को 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा, जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व भाजपा प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं।

भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्रिम मोर्चे पर प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और कहा था कि भाजपा के चिह्न ‘‘कमल’’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संभाली थी।

पिछले दो चुनावों में लचर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए भाजपा से हिमाचल प्रदेश छीनना अपने अस्तित्व का सवाल है। कांग्रेस के लिए यह और भी अहम है क्योंकि 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति (मल्लिकार्जुन खरगे) ने पार्टी की कमान संभाली है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार से पूरी तरह दूर रहे।

कांग्रेस ने 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और इस साल पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर समेत नौ राज्यों में हार झेली है। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत प्रधानमंत्री मोदी की एक और उपलब्धि होगी, जिन्होंने पार्टी के संदर्भ में ‘‘सत्ता समर्थक लहर’’ का नारा दिया है।

हिमाचल प्रदेश का हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है।

हिमाचल प्रदेश में जीत अगले साल नौ राज्यों में होने वाले चुनावों तथा 2024 के आम चुनाव में भी भाजपा की संभावनाओं को बल देगी। इसमें हिंदी पट्टी के प्रमुख राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं।  राज्य में नयी-नयी आयी आम आदमी पार्टी (आप) का अभियान काफी शांत रहा क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच बनता दिख रहा था।

भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए हैं। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया।

भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने और 680 करोड़ रुपये के स्टार्टअप की घोषणा की।

कांग्रेस को उम्मीद है कि पुरानी पेंशन योजना और कई अन्य मुद्दों पर जनता ने उसे समर्थन दिया है और हिमाचल में उसकी सरकार बनेगी।.

कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘अगर हम हिमाचल नहीं जीतते हैं तो मैं नहीं समझता कि हम कहां जीतेंगे।’’ पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 44 और कांग्रेस को 21 सीटें हासिल हुई थीं।

Location: India, Delhi, New Delhi

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ROZANASPOKESMAN

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