हिमाचल में 66 फीसदी बुजुर्ग महिलाएं शारीरिक हिंसा की शिकार; आधी से अधिक बेटों से प्रताड़ित : रिपोर्ट

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हिमाचल में 66 फीसदी बुजुर्ग महिलाएं शारीरिक हिंसा की शिकार; आधी से अधिक बेटों से प्रताड़ित : रिपोर्ट
Published : Jun 15, 2023, 2:09 pm IST
Updated : Jun 15, 2023, 2:09 pm IST
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66 percent of elderly women in Himachal are victims of physical violence : report
66 percent of elderly women in Himachal are victims of physical violence : report

हिमाचल प्रदेश में लगभग 3.66 लाख बुजुर्ग महिलाएं हैं, और यह संख्या बुजुर्ग पुरुष आबादी की तुलना में अधिक है।

शिमला:  हिमाचल प्रदेश में करीब 66 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं शारीरिक हिंसा का शिकार होती हैं और इसके लिए 56 प्रतिशत मामलों में बेटे जिम्मेदार होते हैं। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। ‘विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस’ की पूर्व संध्या पर ‘वीमेन एंड एजिंग: इनविजिबल ऑर एम्पॉवर्ड?’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि राज्य में शारीरिक उत्पीड़न का सामना करने वाली वृद्ध महिलाओं का प्रतिशत, 50 प्रतिशत के राष्ट्रीय प्रतिशत से अधिक है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुजुर्गों के खिलाफ शारीरिक शोषण की घटनाएं राष्ट्रीय स्तर पर 16 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 15 फीसदी की दर से बढ़ रही हैं। हिमाचल प्रदेश में लगभग 3.66 लाख बुजुर्ग महिलाएं हैं, और यह संख्या बुजुर्ग पुरुष आबादी की तुलना में अधिक है।

‘हेल्पएज इंडिया’ के राज्य प्रमुख डॉ. राजेश कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 17 फीसदी वृद्ध महिलाओं ने ‘अपमान’ का, जबकि अन्य 17 फीसदी ने ‘भावनात्मक/मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न’ का सामना किया।

उन्होंने कहा कि 56 फीसदी मामलों में मुख्य उत्पीड़क बेटा था, उसके बाद 15 फीसदी मामलों में बहुओं और 12 फीसदी मामलों में रिश्तेदारों ने बुजुर्ग महिलाओं का उत्पीड़न किया। उनके अनुसार, 48 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि वे ‘‘आर्थिक रूप से असुरक्षित’’ हैं।

‘इप्सोस’ (आईपीएसओएस) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। हिमाचल प्रदेश में 94 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं अपने परिवार के साथ रहती हैं, तीन प्रतिशत अकेले रहती हैं, दो प्रतिशत अपने पति के साथ और एक प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं अपने रिश्तेदारों के साथ रहती हैं। उनमें से लगभग 70 प्रतिशत विवाहित हैं, 27 प्रतिशत विधवा और एक एक प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं अविवाहित और तलाकशुदा हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्व्यवहार पीड़ितों में से 58 प्रतिशत ने प्रतिशोध के डर से इसका खुलासा नहीं किया, 48 प्रतिशत मामले जागरूकता की कमी के कारण वापस ले लिए गए और 26 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाएं महसूस करती हैं कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा।

लगभग 34 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि उनके साथ लिंग के आधार पर भेदभाव किया गया, जबकि 58 प्रतिशत ने अपने पति को खोने के बाद सामाजिक भेदभाव का सामना किया।

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ROZANASPOKESMAN

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