Rafia Naaz News: झारखंड में महिला सुरक्षा का संकट एक गंभीर चेतावनी: राफिया नाज़

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Rafia Naaz News: झारखंड में महिला सुरक्षा का संकट – एक गंभीर चेतावनी: राफिया नाज़
Published : Jun 2, 2025, 12:32 pm IST
Updated : Jun 2, 2025, 12:32 pm IST
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Women safety crisis in Jharkhand - a serious warning: Rafia Naz News In Hindi
Women safety crisis in Jharkhand - a serious warning: Rafia Naz News In Hindi

उन्होंने कहा की NCRB के आंकड़ों ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है ।

Women safety crisis in Jharkhand - a serious warning: Rafia Naz News In Hindi:  झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक और भयावह होती जा रही है। हाल ही में गुमला की एक आदिवासी किशोरी के साथ राजधानी रांची में जो घटना हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। एक मासूम को दिनदहाड़े बहला-फुसलाकर अगवा किया गया, फिर जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। यह कोई अकेली घटना नहीं है – यह उस व्यवस्था का नमूना है जो राज्य की बहन-बेटियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह असफल हो चुकी है।

इस अमानवीय घटना पर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ ने झारखंड सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य की महिलाएं आज भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं। झारखंड सरकार की नीतियाँ और घोषणाएँ केवल दिखावे की रह गई हैं। “मइया सम्मान योजना” जैसी योजनाएँ सिर्फ पोस्टर और बैनर तक सीमित हैं। जमीनी हकीकत यह है कि महिलाएं न तो सुरक्षित हैं, न ही उन्हें न्याय की कोई गारंटी है।

राफिया ने कहा महिला आयोग का न होना – सबसे बड़ा सवाल है।झारखंड राज्य महिला आयोग सितंबर 2020 से निष्क्रिय है। पिछले चार वर्षों से राज्य में महिला आयोग का कोई अध्यक्ष नहीं है, न ही कोई सदस्य। जब एक संवैधानिक संस्था जो महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए बनाई गई हो, वह खुद निष्क्रिय हो तो सरकार की प्राथमिकताएँ स्पष्ट हो जाती हैं। वर्तमान में महिला आयोग में 3,137 से अधिक मामले लंबित हैं। हजारों पीड़िताएं दर-दर भटक रही हैं लेकिन सुनवाई का कोई मंच ही मौजूद नहीं है।

उन्होंने कहा की NCRB के आंकड़ों ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है ।राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2022 के आंकड़े दर्शाते हैं कि झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। झारखंड पूरे देश में सबसे अधिक दहेज उत्पीड़न के मामलों वाला राज्य है, जहां 1,844 दहेज संबंधित मामले सामने आए। इसके अलावा, बलात्कार, बालिकाओं की तस्करी, यौन उत्पीड़न, अपहरण और घरेलू हिंसा के मामलों में झारखंड शीर्ष पर है।

राफिया ने कहा 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के कुल 7,678 मामले दर्ज किए गए। इनमें से बड़ी संख्या में केस ऐसे हैं, जिनमें आज तक कोई जाँच पूरी नहीं हुई। कई मामलों में पीड़िता को न्याय के लिए वर्षों इंतज़ार करना पड़ रहा है।


राफिया नाज़ ने कहा कि झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दर्जनों ऐसे मामले हैं जिनमें एफआईआर दर्ज होने के बाद भी महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं होती। पीड़िताएं पुलिस थानों के चक्कर काटती रहती हैं लेकिन या तो उन्हें धमकाया जाता है या अनदेखा कर दिया जाता है। ऐसी लापरवाही से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं।

उन्होंने कहा गुमला की किशोरी के साथ हुए गैंगरेप में भी यह देखने को मिला कि दो आरोपी अब तक फरार हैं। यदि समय रहते प्रभावी कार्रवाई होती, तो शायद आरोपियों को पकड़ा जा सकता था। यह न सिर्फ कानून की विफलता है बल्कि यह उस मानवता की भी हार है जो हर नागरिक की सुरक्षा की बात करती है।

राफिया ने साथ में यह भी कहा कि “मइया सम्मान योजना” – केवल दिखावे की योजना क्योंकि “मइया सम्मान योजना” जैसी योजनाएं केवल मीडिया हेडलाइन के लिए चलाई जा रही हैं। राफिया नाज़ ने कहा कि यदि सरकार सच में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को लेकर गंभीर होती, तो सबसे पहले महिला आयोग का गठन करती, महिलाओं की शिक्षा ,स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएँ सुरक्षा, वृद्धा माताओं को पेंशन ,विधवाओं बहनों को पेंशन सुनिश्चित करती लेकिन वर्तमान सरकार के लिए महिलाएँ प्राथमिकता नहीं है।साथ ही ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं। वहीं दूसरी ओर, इन क्षेत्रों में महिला पुलिस बल, हेल्पलाइन या त्वरित सुरक्षा व्यवस्था का पूर्ण अभाव है।

राफिया नाज़ ने सरकार  से माँग की के “महिला आयोग का तुरंत गठन किया जाए, ताकि महिला संबंधित मामलों की सुनवाई और निस्तारण प्रभावी ढंग से हो सके।” साथ ही पीड़िता बहनो को फास्ट ट्रैक कोर्ट के ज़रिए त्वरित न्याय दिया जाए और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।” और “हर जिले में महिला हेल्पलाइन और महिला पुलिस चौकियों की स्थापना की जाए, विशेषकर आदिवासी और दूरदराज़ के क्षेत्रों में।”
    

राफिया ने यह भी कहा “भाजपा बनी रहेगी महिलाओं की आवाज़” और यदि हेमंत सोरेन सरकार महिला सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती, तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा ने हमेशा महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है।

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Location: India, Jharkhand, Ranchi

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