Ranchi News: महिला आयोग का न होना अपने आप में एक अपराध है, झारखंड सरकार कब जागेगी?: राफिया नाज़

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Ranchi News: महिला आयोग का न होना अपने आप में एक अपराध है, झारखंड सरकार कब जागेगी?: राफिया नाज़
Published : Jun 16, 2025, 6:47 pm IST
Updated : Jun 16, 2025, 6:47 pm IST
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absence of a women commission is a crime in itself Jharkhand government wake up Rafia Naz news
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राफिया नाज ने कहा कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया

Ranchi News: रांची, (राजेश चौधरी), झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक मंच - राज्य महिला आयोग - का गठन अब तक नहीं हो पाया है। यह न केवल प्रशासनिक विफलता है बल्कि महिलाओं के प्रति सरकार की मानसिकता को भी उजागर करता है। भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों के मुद्दों को लेकर कतई गंभीर नहीं है।

राफिया नाज ने कहा कि राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 2020 में समाप्त हो गया, लेकिन तब से आयोग का पुनर्गठन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार की मंशा गलत है।"

महिला आयोग की कमी के कारण आज झारखंड में हजारों महिलाएं न्याय से वंचित हैं। यह आयोग महिलाओं को एक मंच प्रदान करता है जहां वे बिना किसी भय या भेदभाव के अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं और तत्काल कार्रवाई की मांग कर सकती हैं। यह न केवल एक सलाहकारी निकाय है, बल्कि इसके पास जांच करने, रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा सरकार को जवाबदेह ठहराने की संवैधानिक शक्तियां भी हैं।

राफिया नाज ने कहा कि आयोग के अभाव में आज 5200 से अधिक मामले लंबित हैं, जिनमें यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, बाल विवाह और कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। "इन हजारों पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है और उनकी फाइलें सरकारी दफ्तरों में धूल फांक रही हैं। क्या यही महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा का झारखंड मॉडल है?" उसने कहा।

राफिया ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के त्वरित निपटारे के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने की घोषणा तो की गई, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि महिला पुलिस चौकियों की स्थापना भी राज्य सरकार की घोषणाओं तक ही सीमित रह गई है। महिलाओं के लिए, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, कोई सुरक्षा प्रणाली उपलब्ध नहीं है। पुलिस थाने बहुत दूर हैं, महिला पुलिस अधिकारी बहुत कम हैं और कई मामलों में तो पीड़िता को एफआईआर दर्ज कराने में भी महीनों लग जाते हैं। महिला आयोग की सक्रियता में कमी के कारण महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित एवं असहाय महसूस कर रही हैं।

राफिया नाज ने कहा कि हेमंत जी की सरकार सिर्फ नारों और घोषणाओं की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, "जब देश की बेटियां चंद्रयान पर तिरंगा फहरा रही हैं, तब झारखंड की बेटियां न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं। यह शर्मनाक है कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए न्यूनतम न्यायिक मंच भी खुला रखने में विफल रही है।"

 

एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में झारखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 6,313 मामले दर्ज किए गए, जिनमें बलात्कार के 1,052 मामले, छेड़छाड़ के 1,498 और दहेज से संबंधित 890 मामले शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से आधे से अधिक मामलों में अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है। ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि सरकार असंवेदनशील हो गई है।

 

राफिया ने यह भी कहा कि आयोग की अनुपस्थिति के कारण महिलाएं, विशेषकर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, सबसे अधिक प्रभावित हो रही हैं। 2021 से 2023 के बीच बाल विवाह के 1,400 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन इनमें से 80% से अधिक मामलों में कार्रवाई अधूरी है। उन्होंने कहा, "जब संवैधानिक संस्थाएं ही निष्क्रिय हो जाएंगी तो सामाजिक बुराइयों और अपराधों के खिलाफ लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी?" हर दिन डायन-बिसाही के नाम पर महिलाओं की हत्या हो रही है और राज्य सरकार चुप है...

 

राफिया ने यह भी कहा कि जहां केंद्र सरकार "नारी शक्ति वंदना योजना", "सुकन्या समृद्धि योजना" और "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बना रही है, वहीं झारखंड सरकार एक संवैधानिक संस्था भी नहीं बना पा रही है। उन्होंने कहा, "यह कपट नहीं बल्कि राजनीतिक पाखंड है।"

 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने चेतावनी देते हुए कहा, "हम हर पीड़िता की आवाज बनेंगे और झारखंड की हर बेटी को न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।"

 

अंत में राफिया नाज़ ने राज्य सरकार से साफ़ शब्दों में पूछा - "अब जवाब दें कि महिलाओं को न्याय से वंचित करने की मंशा क्यों है? महिला आयोग का न होना ही अपने आप में एक अपराध है - झारखंड सरकार कब जागेगी?"

(For more news apart from absence of a women commission is a crime in itself Jharkhand government wake up Rafia Naz News In Hindi, stay tuned to Spokesman Hindi)

Location: India, Jharkhand, Ranchi

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