राफिया नाज़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए संकल्पबद्ध रही है।
Attack on the honor of daughters in Jharkhand Rafia Naaz News In Hindi: झारखंड से एक अत्यंत निंदनीय और चिंता जनक घटना सामने आई है, जहां एक इंटरमीडिएट की छात्रा का धर्म परिवर्तन कर पश्चिम बंगाल में विवाह कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। युवक तस्लीम, जो पहले से ही तीन बच्चों का पिता है। सबसे गंभीर पहलू यह है कि युवती की उम्र मात्र 19 वर्ष बताई जा रही है, जिसकी प्रमाणिकता पर भी संदेह व्यक्त किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश की प्रवक्ता राफिया नाज़ ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, “यह न केवल एक मासूम बच्ची के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि राज्य में फैलते जबरन धर्मांतरण के घिनौने नेटवर्क को भी उजागर करता है। झारखंड में जिस तरह बेटियां असुरक्षित हो रही हैं, यह राज्य सरकार की गंभीर विफलता को दर्शाता है।”
राफिया नाज़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए संकल्पबद्ध रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं, जिनकी सफलता के चलते इन राज्यों में धर्मांतरण से जुड़े अपराधों में गिरावट दर्ज की गई है।
राफिया नाज़ ने झारखंड सरकार से भी मांग की कि राज्य में इस प्रकार के अपराधों को रोकने हेतु विशेष ‘एंटी-लव जिहाद कानून’ बनाया जाए और हर जिले में एक विशेष निगरानी तंत्र स्थापित किया जाए ताकि ऐसी घटनाओं की समय रहते रोकथाम हो सके। उन्होंने कहा कि “अपराध होने के बाद कार्रवाई करना पर्याप्त नहीं है,अपराध होने से पहले उसे रोकना ज़रूरी है।” इसी उद्देश्य से सशक्त और प्रभावी कानून एवं निगरानी व्यवस्था की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे और समाज में भय तथा अविश्वास का माहौल पनपेगा। राफिया ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जब राज्य में बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ हो रहा है, तब मुख्यमंत्री ‘समर स्पेशल हॉलिडे’ और ‘शॉपिंग फेस्टिवल’ में व्यस्त हैं। राज्य की बेटियों की सुरक्षा से अधिक कोई कार्य प्राथमिकता में होना चाहिए।”
उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री विदेश यात्रा से लौटते ही इस संवेदनशील मामले पर उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं। यदि जाँच के फलस्वरूप बच्ची की उम्र 19 वर्ष से कम (नाबालिग) आए तो बाल संरक्षण अधिनियम के साथ धर्मांतरण कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत व्यापक और निष्पक्ष जांच और कठोर कार्यवाही की जाए।
राफिया नाज़ ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि,
“राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट 2022 के अनुसार, झारखंड में महिला अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में 12% वृद्धि हुई है, जो सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य में बेटियों के खिलाफ अपराधों में और अधिक बढ़ोतरी होगी।”
अंत में, राफिया नाज़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मत है “धर्म, जाति, मजहब के नाम पर छल, धोखा और अपराध किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। भाजपा महिलाओं की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी और समाज विरोधी प्रवृत्तियों के खिलाफ हर मोर्चे पर संघर्ष जारी रखेगी”
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