गंभीर मामलों में जब्त वाहन फोटो वीडियो रिकार्ड कर मालिकों को लौटाएं, वर्षों तक थानों में खड़ा रखना बेकार

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गंभीर मामलों में जब्त वाहन फोटो वीडियो रिकार्ड कर मालिकों को लौटाएं, वर्षों तक थानों में खड़ा रखना बेकार
Published : Nov 18, 2025, 6:06 pm IST
Updated : Nov 18, 2025, 6:06 pm IST
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Return seized vehicles to owners after recording photos and videos: Punjab Haryana High Court
Return seized vehicles to owners after recording photos and videos: Punjab Haryana High Court

फोरेंसिक जांच के बाद 60 दिन में पूरी हो प्रक्रिया, हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश

Punjab-Haryana High Court: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश में कहा है कि हत्या जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में जब्त किए गए ट्रैक्टर, कार और अन्य वाहन वर्षों तक थानों में खड़े-खड़े खराब होने के बजाय मालिकों को जल्द वापस कर दिए जाएं। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुलिस विस्तृत फोटो और उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो रिकार्ड कर ले, ताकि वाहन की पहचान में भविष्य में कोई दिक्कत न रहे।

जस्टिस अनूप चितकारा ने यह आदेश उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें हरियाणा के सिरसा जिले में 2023 के एक हत्या मामले में जब्त किए गए ट्रैक्टर और टाटा हैरियर एसयूवी को दो साल बाद भी न लौटाए जाने को चुनौती दी गई थी। वाहन मालिक महेंद्र के भाई और पावर आफ अटार्नी धारक मुकेश कुमार ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सेशन कोर्ट ने यह कहते हुए वाहन लौटाने से इनकार कर दिया था कि जांच लंबित है और कुछ आरोपित अब भी फरार हैं।

हाई कोर्ट ने निचली अदालत का आदेश रद्द करते हुए कहा कि वाहन वर्षों तक पुलिस कब्जे में रखने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने याद दिलाया कि वह इस विषय पर 12 नवंबर को ही दिशा निर्देश जारी कर चुकी है। कोर्ट ने कहा कि खुले में खड़े वाहनों का सूरज, बारिश और धूल से नुकसान होता है, कीमत गिरती है और बाद में पहचान भी मुश्किल हो जाती है। जबकि डिजिटल सबूत हमेशा सुरक्षित रखे जा सकते हैं और गवाह उनसे वाहन को आसानी से पहचान लेंगे।

अदालत ने टिप्पणी की, “यदि कोई घटना मेट्रो, विमान या ट्रेन में होती तो क्या ऐसे वाहन वर्षों तक जब्त रखे जाते? जांच के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करके उन्हें छोड़ दिया जाता। इसी तरह, अगर घटना बैटरी रिक्शा या उन टैक्सियों में होती जिन पर कर्ज चलता है, तो क्या किसी व्यक्ति की आजीविका इस आधार पर खतरे में डाली जा सकती है कि घटना उसके वाहन में हुई?”

हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि यदि जरूरत हो तो फोरेंसिक जांच पूरी करे, वाहन के सभी नंबर और हिस्सों का विस्तृत वीडियो/फोटो तैयार करे और उसे सुरक्षित रखे। इसके बाद वाहन मालिक को शपथ पत्र सहित निर्धारित शर्तें पूरी करने पर वाहन सौंप दिया जाएगा। यह प्रक्रिया 60 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी, वरना आदेश स्वत रद्द मान लिया जाएगा।अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वाहन की यह अंतरिम रिहाई मुकदमे की कार्यवाही पर किसी भी तरह का असर नहीं डालेगी और डिजिटल सबूत अदालत में मान्य होंगे। 

(For more news apart from Return seized vehicles to owners after recording photos and videos: Punjab Haryana High Court news in hindi, stay tuned to Roznaspokesman Hindi)

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