Punjab News: पिछली सरकारों की 20 साल की लापरवाही पर लगाम, AAP सरकार ने बढ़ाया पंजाब का ट्री कवर 177.22 वर्ग किमी!

खबरे |

खबरे |

Punjab News: पिछली सरकारों की 20 साल की लापरवाही पर लगाम, AAP सरकार ने बढ़ाया पंजाब का ट्री कवर 177.22 वर्ग किमी!
Published : Oct 30, 2025, 11:59 am IST
Updated : Oct 30, 2025, 11:59 am IST
SHARE ARTICLE
AAP Government expands Punjab’s tree cover by 177.22 sq km news in hindi
AAP Government expands Punjab’s tree cover by 177.22 sq km news in hindi

आम आदमी पार्टी सरकार ने पंजाब का वृक्ष आवरण बढ़ाकर 177.22 वर्ग किलोमीटर कर दिया

Punjab Government News: आम आदमी पार्टी की मान सरकार ने पंजाब में पर्यावरण संरक्षण को अपने शासन का एक मुख्य मिशन बना दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में राज्य में हरियाली की दिशा में ऐतिहासिक काम हुआ है। वर्ष 2023-24 में सरकार ने रिकॉर्ड 1.2 करोड़ पौधे लगाए, जबकि 2024-25 के लिए 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। गांवों, स्कूलों, धार्मिक स्थलों और शहरी इलाकों में यह हरियाली मुहिम अब जनता की भागीदारी से “हर घर बागीचा” जैसी भावना को साकार कर रही है। (AAP Government expands Punjab’s tree cover by 177.22 sq km news in hindi )

पंजाब के लिए यह पहल इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि पिछले दो दशकों में राज्य का वन क्षेत्र लगातार घटता गया। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 2001 से 2023 के बीच पंजाब का वन क्षेत्र 4.80% से घटकर 3.67% रह गया और ट्री कवर 3.20% से घटकर 2.92% तक पहुंच गया। यानी 22 सालों में पंजाब ने 1.13% वन क्षेत्र और 0.28% पेड़ क्षेत्र खो दिया। यह इस बात का सबूत है कि कांग्रेस और अकाली दल की सरकारें पर्यावरण की रक्षा को लेकर पूरी तरह विफल रहीं। उन्होंने “ग्रीनिंग पंजाब मिशन” जैसे अभियानों को सिर्फ कागज़ों तक सीमित रखा और धरातल पर नतीजे शून्य रहे।

अकाली सरकार ने 2012 में दावा किया था कि 2020 तक 40 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए ₹1900 करोड़ खर्च किए जाएंगे। लेकिन असलियत यह रही कि सिर्फ 5 करोड़ पौधे लगाए गए, जिनमें से केवल 25-30% ही जीवित रह पाए। इस मिशन की विफलता ने दिखा दिया कि पिछली सरकारों की नीयत पर्यावरण संरक्षण की नहीं, बल्कि प्रचार और ठेकेबाजी की थी। पौधारोपण के नाम पर विज्ञापन जारी किए गए, लेकिन न निगरानी हुई और न ही पौधों की देखभाल की व्यवस्था बनी।

इसी दौरान पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने पंजाब की सांसें और कमजोर कर दीं। 2010 से 2020 के बीच 8 से 9 लाख पेड़ काटे गए, विकास परियोजनाओं के नाम पर। अकेले 2013-14 में 2 लाख, 2014-15 में 2.12 लाख, और 2010-11 में 1.50 लाख पेड़ काटे गए। कांग्रेस शासनकाल में तो हालात और भी भयावह रहे, जब तत्कालीन वन मंत्री साधू सिंह धरमसोत को वन घोटाले में गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस रिपोर्ट के मुताबिक, वे हर कटे हुए “खैर पेड़” पर ₹500 की रिश्वत लेते थे और अधिकारियों के तबादलों के लिए ₹10-20 लाख तक की वसूली करते थे। यह इस बात का प्रतीक है कि पिछली सरकारों ने पंजाब की हरियाली को भी भ्रष्टाचार का शिकार बना दिया।

वहीं, मान सरकार ने इस पूरे तंत्र में सुधार करते हुए 2024 में ‘ट्री प्रिज़र्वेशन पॉलिसी’ लागू की। इस नीति के तहत गैर-वन और सरकारी भूमि पर भी पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। अब बिना अनुमति कोई भी पेड़ नहीं काटा जा सकता। यह नीति न केवल पेड़ों की रक्षा करती है, बल्कि उन्हें कानूनी “अधिकार” भी देती है। इसी सोच के साथ सरकार ने हर विकास परियोजना में कंपेंसेटरी अफॉरेस्टेशन को अनिवार्य किया। वर्ष 2023-24 में इसके तहत 940.384 हेक्टेयर भूमि पर पौधे लगाए गए, जो पंजाब के पर्यावरण सुधार का ठोस प्रमाण है।

इन ठोस प्रयासों का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। भारत सरकार की फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2023 के अनुसार, पंजाब में ट्री कवर में 177.22 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है — जो पिछले पंद्रह वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। यह केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भगवंत मान सरकार के नेतृत्व में हर नागरिक पर्यावरण संरक्षण का हिस्सा बन रहा है। अब पंजाब एक ऐसी दिशा में बढ़ रहा है जहां विकास और पर्यावरण साथ-साथ चल रहे हैं।

मान सरकार ने इस अभियान को धार्मिक और सांस्कृतिक भावना से भी जोड़ा है। गुरबाणी की शिक्षाओं “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत” से प्रेरित होकर राज्य में ‘नानक बागीची’ और ‘पवित्र वन’ जैसी योजनाएं शुरू की गईं। अब तक 105 नानक बागीचियाँ और 268 पवित्र वन स्थापित किए जा चुके हैं। ये छोटे-छोटे हरित स्थल न सिर्फ ऑक्सीजन बढ़ा रहे हैं, बल्कि शहरी इलाकों के “ग्रीन लंग्स” भी बन रहे हैं। इसके साथ ही “पंजाब हरियावली लहर” के तहत 3.95 लाख ट्यूबवेलों के पास 28.99 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं, जिससे किसान भी इस हरियाली मिशन के साझेदार बने हैं।

मान सरकार ने पर्यावरण को लेकर वैश्विक स्तर पर भी कदम बढ़ाया है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के साथ ₹792.88 करोड़ की परियोजना शुरू की गई है, जिसके तहत 2030 तक पंजाब का वन क्षेत्र 7.5% करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना 2025-26 से अगले पाँच वर्षों में लागू होगी और इससे न केवल हरियाली बढ़ेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। इन पहलों ने पंजाब को पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण का अग्रणी राज्य बना दिया है।

आज पंजाब में हरियाली की नई क्रांति देखी जा रही है। जो पेड़ पिछली सरकारों की लापरवाही में कट गए थे, उन्हें अब दोबारा जड़ें मिल रही हैं। भगवंत मान का यह स्पष्ट संदेश — “पेड़ पंजाब की सांस हैं, इन्हें बचाना पंजाब का धर्म है” — अब एक जनसंकल्प बन चुका है। कांग्रेस और अकाली दल की भ्रष्ट नीतियों से जो हरियाली खत्म हुई थी, उसे आम आदमी पार्टी की ईमानदार सरकार ने फिर से जीवंत किया है। यह नया पंजाब केवल खेती में नहीं, बल्कि हरियाली में भी आत्मनिर्भर हो रहा है — एक सच्चा ‘रंगला, हरियाला पंजाब।’

(For more news apart from AAP Government expands Punjab’s tree cover by 177.22 sq km news in hindi, stay tuned to Rozanaspokesman Hindi) 

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

'हमारा गांव बिकाऊ है' पोस्टर विवाद बढ़ा, SHO के खिलाफ कार्रवाई

03 Jun 2025 5:49 PM

रोती हुई महिला ने निहंग सिंह पर लगाया आरोप बेअदबी, फिरोजपुर जमीन विवाद निहंग सिंह मामला

03 Jun 2025 5:48 PM

पंजाब किंग्स की जीत! मुंबई इंडियंस को हराकर फाइनल में बनाई जगह, अब RCB से होगी बड़ी टक्कर

02 Jun 2025 6:41 PM

Punjab Kings Vs RCB ! सुनें दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाज मोहित शर्मा किसका कर रहे हैं समर्थन

02 Jun 2025 6:39 PM

जेल से बाहर आने के बाद जगदीश भोला का EXCLUSIVE वीडियो

02 Jun 2025 6:37 PM

राजबीर कौर ने बताया कपिल शर्मा और भारती बहुत शरारती हैं, Rajbir kaur Exclusive Interview

02 Jun 2025 6:35 PM