उप्र : बैंकों से ई-कचरा इकट्ठा कर बनाई 10 फुट ऊंची प्रतिमा

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उप्र : बैंकों से ई-कचरा इकट्ठा कर बनाई 10 फुट ऊंची प्रतिमा
Published : Feb 5, 2023, 2:16 pm IST
Updated : Feb 5, 2023, 2:16 pm IST
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UP: 10 feet tall statue made by collecting e-waste from banks
UP: 10 feet tall statue made by collecting e-waste from banks

इस प्रतिमा में 9,000 से अधिक ‘स्क्रू’ (पेंच), तार और 15,000 ‘रिवेट’ का भी उपयोग किया गया जिन्हें कबाड़ कंप्यूटरों से निकाला गया था।

लखनऊ : बैंकों में खराब पड़े 250 से अधिक कंप्यूटर और 200 ‘मदरबोर्ड’ आदि इकट्ठा कर जयपुर के एक कलाकार ने इनसे 10 फुट ऊंची प्रतिमा तैयार की है। इस प्रतिमा में 9,000 से अधिक ‘स्क्रू’ (पेंच), तार और 15,000 ‘रिवेट’ का भी उपयोग किया गया जिन्हें कबाड़ कंप्यूटरों से निकाला गया था।

कानपुर में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की माल रोड शाखा के प्रवेश द्वार के पास स्थापित की गई ‘मातृका’ प्रतिमा पांच फुट के मंच पर हाथ जोड़कर पद्मासन में बैठी एक महिला है, जिसमें महिला के चेहरे पर एसबीआई का ‘लोगो’ बना है। यह प्रतिमा मुकेश कुमार ज्वाला के दिमाग की उपज है जिन्होंने अपनी टीम के साथ एक महीने में इसे तैयार किया। इस प्रतिमा को बनाने में उपयोग ई-कचरा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की विभिन्न शाखाओं से इकट्ठा किया गया।

ज्वाला ने जयपुर से फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ई कचरे से तैयार इस अद्भुत प्रतिमा को बनाने में कंप्यूटर के विभिन्न पुर्जों का उपयोग किया गया। इसकी ऊंचाई 10 फुट है और मंच सहित यह 15 फुट ऊंची प्रतिमा है। यदि हम वास्तविक ऊंचाई की बात करें (यदि प्रतिमा खड़ी हुई मुद्रा में होती) तो यह 25 फुट की होगी। इसे बनाने में 250 से अधिक कंप्यूटर से निकले कबाड़ का उपयोग किया गया है।’’.

उन्होंने कहा कि लोहे की छड़ का एक ढांचा तैयार किया गया और फिर ‘सीपीयू’ के बाहरी हिस्से का उपयोग कर प्रतिमा को आकार दिया गया। कलाकार ने कहा कि बाद में कंप्यूटर के अंदर के पुर्जों का उपयोग प्रतिमा के वस्त्र बनाने में किया गया।.

ज्वाला ने बताया कि एसएमपीएस (स्विच्ड मोड पावर सप्लाई), रैम, माउस, केबल, मॉडेम कार्ड, एल्यूमीनियम पुर्जे, कीबोर्ड और डीवीडी राइटर्स आदि का उपयोग इस प्रतिमा को बनाने में किया गया। इस प्रतिमा को 15,000 रिवेट् और 9,000 स्क्रू से जोड़ा गया है।.

उन्होंने बताया कि एसबीआई का ‘लोगो’ बनाने के लिए डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। संभवत: यह पहली बार है कि उत्तर प्रदेश में ई-कचरे का इस तरह से उपयोग किया गया है।.

एसबीआई के उप महाप्रबंधक नीलेश द्विवेदी ने कहा कि ई-कचरा निस्तारण के लिए संभावना तलाशने के दौरान उन्होंने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ ज्वाला के काम को देखा और उनसे संपर्क किया। द्विवेदी ने कहा कि ‘मातृका’ एसबीआई को एक महिला के तौर पर पेश करती है और पर्यावरण के प्रति एसबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।.

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ROZANASPOKESMAN

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