
घटना के मद्देनजर यह भी देखा जाएगा कि आसपास स्थित अन्य पेड़ सुरक्षित हैं या नहीं।
After Tiger Falls incident, bathing in the waterfall was banned in Uttarakhand News In Hindi: देहरादून जिले के चकराता में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ‘टाइगर फॉल’ में सोमवार शाम पेड़ गिरने से दो पर्यटकों की मौत के बाद फिलहाल झरने में लोगों के नहाने पर रोक लगा दी गई है। चकराता थाना प्रभारी चंद्रशेखर नौटियाल ने मंगलवार को ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि झरने में पहाड़ से गिरे पेड़ की कुछ टहनियां अब भी अटकी हुई हैं जिन्हें हटाया जाना है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र में आए आंधी-तूफान के कारण संभवत: पेड़ की जड़ें कमजोर होने की वजह से वह गिरा होगा।
उन्होंने कहा कि घटना के मद्देनजर यह भी देखा जाएगा कि आसपास स्थित अन्य पेड़ सुरक्षित हैं या नहीं।
नौटियाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस संबंध में वन विभाग को पत्र लिखकर उसकी भी सहायता ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि ‘टाइगर फॉल’ क्षेत्र में लोगों के घूमने पर कोई रोक नहीं है लेकिन उनकी सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल झरने में जाने या उसमें नहाने की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल होने में दो-तीन दिन लग सकते हैं।
‘टाइगर फॉल’ में पहली बार इस प्रकार का हादसा हुआ है जहां पहाड़ से पेड़ गिरने से दो व्यक्तियों की मौत हो गई। इनमें से एक दिल्ली के शाहदरा की रहने वाली अलका आनंद (55) थीं जो अपनी बेटी और दामाद के साथ घूमने आई थीं। इनमें एक अन्य व्यक्ति गीतराम जोशी (38) थे जो निकटवर्ती सेलाकुई क्षेत्र से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ झरने में नहाने आए थे।
नौटियाल ने बताया कि सोमवार को एक स्कूल के 80 बच्चे भी झरने में नहाने आए थे लेकिन हादसे से कुछ मिनट पहले वे सभी वहां से निकल गए थे। उन्होंने कहा कि हादसे के समय वहां केवल पच्चीस-तीस लोग ही थे।
गर्मी बढ़ने और बच्चों की छुट्टियां होने के चलते बड़ी संख्या में पर्यटक ‘टाइगर फॉल’ की तरफ रुख कर रहे हैं और आजकल वहां प्रतिदिन 1000-1500 पर्यटकों की आमद दर्ज की जा रही है।(pti)
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