Uttrakhand News: अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक विधानसभा में पारित, मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की लेगा जगह

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Uttrakhand News: अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक विधानसभा में पारित, मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की लेगा जगह
Published : Aug 20, 2025, 5:48 pm IST
Updated : Aug 20, 2025, 5:48 pm IST
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Minority education bill will replace Madrasa Education Board Act news in hindi
Minority education bill will replace Madrasa Education Board Act news in hindi

अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक-2025 के लागू होते ही मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, गैर-सरकारी अरबी और फारसी मदरसा मान्यता नियम समाप्त हो जाएंगे।

Uttrakhand News: उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक-2025 पारित कर दिया गया। इस विधेयक के लागू होने के साथ ही प्रदेश में मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, गैर-सरकारी अरबी और फारसी मदरसा मान्यता नियम समाप्त हो जाएंगे।

विधेयक के तहत प्रदेश में मुसलमान समुदाय के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समुदायों सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के शैक्षणिक संस्थानों को भी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “आज (बुधवार को) विधानसभा में ‘उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक- 2025’ पारित कर दिया गया है। अब तक अल्पसंख्यक संस्थानों की मान्यता केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित थी।”

44हा कि मदरसा शिक्षा व्यवस्था में वर्षों से केंद्रीय छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताएं, मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ियां और प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी जैसी गंभीर समस्याएं भी सामने आ रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने के साथ ही मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2016 और गैर-सरकारी अरबी व फारसी मदरसा मान्यता नियम 2019, एक जुलाई 2026 से समाप्त हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि अब सभी अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक संस्थानों को पारदर्शी मान्यता प्राप्त होगी, जो न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करेगा बल्कि विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सरकार को अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों के संचालन की प्रभावी निगरानी एवं आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा, “निश्चित तौर पर यह विधेयक शिक्षा को नई दिशा देने के साथ ही राज्य में शैक्षिक उत्कृष्टता व सामाजिक सदभाव को और सुदृढ़ करेगा।”

इस विधेयक में एक ऐसे प्राधिकरण के गठन का प्रावधान है, जिससे सभी अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता लेना अनिवार्य होगा।

यह प्राधिकरण इन संस्थानों में शैक्षिक उत्कृष्टता को सुविधाजनक बनाने एवं उसे बढ़ावा देने का कार्य करेगा, जिससे अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और उनका शैक्षणिक विकास हो सके।

प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि इन संस्थानों में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार शिक्षा दी जाए और विद्यार्थियों का मूल्यांकन निष्पक्ष एवं पारदर्शी हो।

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