
पटना सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानकारी दी
Bihar News In Hindi: पटना, बिहार की वर्तमान सरकार ने पिछले 20 वर्षों में सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था को बदहाली के चरम पर पहुंचा दिया है। कैग की हालिया रिपोर्ट में बिहार की खराब स्वास्थ्य व्यवस्था खुलेआम हो चुका है। बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार के तर्ज पर चिरंजीवी योजना लागू किया जाएगा और सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में 25 लाख तक का मुफ्त इलाज सभी आय वर्गों के लोगों का किया जाएगा। ये बातें पटना सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कही।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून बनाया गया जिसके हर आपातकालीन परिस्थितियों में पूरा इलाज निःशुल्क करने का प्रावधान किया गया। कांग्रेस की सरकार ने आम व्यक्तियों की आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर को न्यूनतम कर दिया और इंश्योरेंस कवरेज को सुलभ करके सभी के लिए इंश्योरेंस लागू करने पर विचार किया। चिरंजीवी बीमा योजना के तहत 10 लाख का स्वास्थ्य बिना और 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा शामिल था। इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने के पहले के 5 दिन और छुट्टी होने से 15 दिन तक की दवा फ्री दी जाती थी। यह देश की पहली योजना थी जिसमें हर आय वर्ग के लोग इसका 5 लाख तक की बीमा की राशि का लाभ ले सकते थे। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के साथ हमने मेडिकल कॉलेज खोले, अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की, टीकाकरण, प्रसव सुविधा के साथ डॉक्टर्स की उपलब्धता भी सर्वाधिक कर दी।
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बिहार के स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर बोलते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बिहार को गंभीर बीमारियों ने घेर रखा है और बिहार में न अस्पताल हैं न उचित डॉक्टर हैं और न ही दवाई है। यहां चिकित्सा स्टाफ की भारी कमी है। कुल 59,168 स्वीकृत पदों में केवल 23,851 पदों पर नियुक्ति है अर्थात 60% पद रिक्त हैं। आयुष डॉक्टर के 89% पद खाली है। पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी और 79% पद रिक्त हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की 86% तक कमी है। 5081 पदों के मुकाबले मात्र 1580 विशेषज्ञ डॉक्टर है।
स्वास्थ्य केंद्रों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हेल्थ सब सेंटर की 57% कमी है, पीएचसी 54% की कमी है, अनुमंडलीय अस्पताल की 47 % कमी दर्ज है। जिला अस्पतालों में 84%, अनुमंडलीय अस्पताल में 93% और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 61% बेड की कमी है।जांच और उपकरणों की भारी कमी है जिसमें लैब उपकरणों में 25% से लेकर 100% तक की कमी है। 54% लैब टेक्नीशियन ही कार्यरत हैं। औषधि और उपकरण की आपूर्ति में भी भारी गिरावट है। मेडिकल कॉलेज में 45 से 68 प्रतिशत तक दवाओं की कमी है।
आवश्यक दवाओं में केवल 14 से 63% तक की ही आपूर्ति है। बजट खड़ग में लापरवाही पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2016 से 2022 तक के 69790 करोड़ रुपए में से मात्र 69% ही बिहार सरकार खर्च कर पाया है और 21743 करोड़ रुपए बिना उपयोग के रह गया। उन्होंने कुपोषण पर भी सरकार की उदासीनता स्वास्थ्य सूचकांक और जनसंख्या प्रभाव की रिपोर्ट से मीडिया में रखा।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कहा कि बिहार को वर्तमान सरकार ने बीमारू राज्य बना दिया है। बिहार की आम जनता स्वास्थ्य सेवाओं के सबसे बदहाल दौर से गुजर रही है। बिहार में ट्रबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में डाल दिया है। साथ ही उन्होंने बिहार को लेकर कहा कि कैग की रिपोर्ट में भारत सरकार ने स्वीकारा है कि बिहार में स्वास्थ्य एवं का बुरा हाल है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संवाददाता सम्मेलन में बिहार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य की वर्तमान सरकार उदासीन बनी हुई है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इमरजेंसी मरीजों तक को बेड और उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती।
संवाददाता सम्मेलन में बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारु , प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डॉ मदन मोहन झा , प्रेमचंद मिश्रा , नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर अभय दुबे, डॉ अशोक कुमार , अवधेश कुमार सिंह, प्रतिमा कुमारी दास , मोतीलाल शर्मा, राजेश राठौड़, अजय चौधरी , सरवत जहां फातिमा , डॉ स्नेहाशीष वर्धन पांडेय सहित अन्य नेतागण मौजूद रहें।
(For More News Apart From Chiranjeevi scheme of Congress government of Rajasthan will be implemented after forming government in the state: Ashok Gehlot News In Hindi, Stay Tuned To Rozana Spokesman Hindi)