बिहार में रोजगार और पगार के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन का दौर : सम्राट चौधरी
Bihar News In Hindi: पटना, बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सम्राट चौधरी ने आज कहा कि जिस बिहार को कभी पलायन और बेरोजगारी की पीड़ा से पहचाना जाता था, वही बिहार आज रोजगार, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान की दिशा में ऐतिहासिक परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। राजद के कुशासन और बेरोजगारी के दिनों को पीछे छोड़ते हुए बिहार ने एनडीए के डबल इंजन सरकार के तहत रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास में देश भर में अपनी पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि आज बिहार की जीडीपी देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शुमार है और प्रति व्यक्ति आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है। एनडीए सरकार होने के कारण बिहार में 'हर हाथ को काम और हर घर को आमदनी' का सपना हकीकत बन रहा है।
भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 50 लाख युवाओं को रोजगार और सरकारी नौकरी का लक्ष्य पूरा किया गया है और आने वाले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का संकल्प है। इस समय शिक्षा, स्वास्थ्य और गृह विभाग समेत बीपीएससी और बिहार एसएससी के माध्यम से लगभग 45 हजार पदों पर भर्तियाँ चल रही हैं, जिसमें अकेले टीआरई-4 के अंतर्गत करीब 28 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी।
डोमिसाइल नीति लागू कर युवाओं को बिहार में ही नौकरी पाने का मौका सुनिश्चित किया गया है। साथ ही सरकारी भर्तियों में महिलाओं को 35% आरक्षण देकर सामाजिक और आर्थिक मजबूती दी गई है। आज बिहार की बेटियां पुलिस से लेकर प्रशासन तक हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं। सरकारी नौकरियों में तय आरक्षण के अंतर्गत बहाली कारण समाज के पिछड़े और दलित परिवार के लोगों के भी समग्र विकास का मौका मिला है।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने केवल रोजगार देने तक अपने कर्तव्यों की पूर्ति नहीं समझी, बल्कि कर्मचारियों के पगार, भत्ते और सम्मान में भी उल्लेखनीय सुधार किया है। आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय ₹7000 से ₹9000 और सहायिका का ₹3000 से ₹4500 कर दिया गया है, जिससे 2 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिला है। किसान सलाहकारों का मानदेय ₹13 हजार से बढ़ाकर ₹21 हजार कर दिया गया है। स्कूल सहयोगी, रसोइया, रात्रि प्रहरी, पीटी टीचर सभी के मानदेय में दोगुनी वृद्धि की गई है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि होमगार्ड्स को रोज़ का ड्यूटी भत्ता ₹774 से बढ़ाकर ₹1121 कर दिया गया है। जेपी आंदोलनकारियों की पेंशन भी दोगुनी हुई है। पत्रकारों को अब ₹15 हजार प्रतिमाह पेंशन मिल रही है। बीएलओ और उनके सुपरवाइज़रों के मानदेय में बढ़ोतरी कर लोकतंत्र के इन कर्मवीरों को सम्मानित किया गया है।
आंकड़ों के जरिये उन्होंने बताया कि 94,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं और 5200 ममता कार्यकर्ताओं को भी अब ₹3000 और ₹600 का बढ़ा हुआ मानदेय मिल रहा है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन अब ₹400 से सीधे ₹1100 की गई है, ताकि बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगजन सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। पंचायत प्रतिनिधियों के भत्ते में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।
जीविका दीदियों को भी आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए तीन लाख से अधिक के लोन पर ब्याज दर घटाकर 7% की गई है। महिला स्वरोजगार के लिए प्रत्येक परिवार की एक महिला को ₹10,000 की आर्थिक सहायता और बाद में ₹2 लाख तक के लोन की व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को घटाकर प्रारंभिक परीक्षा के लिए ₹100 और मुख्य परीक्षा के लिए शून्य कर दिया गया है।
भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि अब प्रत्येक परिवार को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिससे 1 करोड़ 65 लाख से अधिक परिवारों को राहत मिली है। औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 और बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 को मंजूरी दी गई है। आने वाले वर्षों में बिहार उद्योगों का नया हब बनने जा रहा है जिससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में अब युवाओं को पलायन नहीं करना पड़ रहा है। यह बदलाव एनडीए सरकार की पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और जनकल्याण के प्रति समर्पण का प्रमाण है। बिहार अब सिर्फ इतिहास का नहीं, भविष्य का भी प्रतीक बन रहा है। बिहार आज की तारीख में आत्मनिर्भर, सशक्त, सम्मानित और आत्मविश्वास से भरा हुआ।
(For more news apart from Work for every hand the development campaign of NDA Samrat Chaudhary news in hindi, stay tuned to Rozana spokesman Hindi)