
पुलिस जांच में अब चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
Gurugram News In Hindi: गुरुग्राम से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहाँ एक टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनके पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित उनके आवास पर हुई, जिसने खेल जगत और पूरे समाज को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे, राधिका यादव अपने घर की रसोई में थीं, तभी उनके पिता दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से उन पर गोली चला दी। पुलिस के अनुसार, दीपक यादव ने राधिका पर पांच गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन गोलियां राधिका के लगने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली की आवाज सुनकर राधिका के चाचा (दीपक के भाई) जो उसी घर की निचली मंजिल पर रहते थे, ऊपर पहुंचे और राधिका को खून से लथपथ पाया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
'बेटी की कमाई पर ताने' और टेनिस अकादमी का विवाद
शुरुआती रिपोर्ट्स में सोशल मीडिया रील्स को लेकर विवाद की बात सामने आई थी, लेकिन पुलिस जांच में अब चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। गुरुग्राम पुलिस के अनुसार, राधिका ने अपनी एक टेनिस अकादमी खोली हुई थी, जिससे उनके पिता दीपक यादव लंबे समय से नाराज़ थे। वह चाहते थे कि राधिका यह अकादमी बंद कर दे, लेकिन राधिका ने मना कर दिया था।
पुलिस की पूछताछ में दीपक यादव ने कबूल किया है कि उन्हें इस बात का अपमान महसूस होता था कि रिश्तेदार और गांव के लोग उन्हें 'बेटी की कमाई पर आश्रित' होने के ताने मारते थे। दीपक ने बताया कि पिछले 15 दिनों से वह इसी बात को लेकर तनाव और मानसिक दबाव में थे और अब और अपमान सहन नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि जब वह दूध लेने गांव वजीराबाद जाते थे, तो लोग राधिका की टेनिस अकादमी और सामाजिक गतिविधियों को लेकर ताने कसते थे। इन्हीं कारणों से उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया।
कौन थीं राधिका यादव?
25 वर्षीय राधिका यादव एक होनहार टेनिस खिलाड़ी थीं। उनका जन्म 23 मार्च 2000 को हुआ था। उन्होंने जूनियर इंटरनेशनल टेनिस सर्किट में भी खेला था और इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) में उनकी रैंकिंग 1999 थी। इसके अलावा, वह हरियाणा की राज्य स्तरीय खिलाड़ी भी थीं और उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे। कंधे की चोट के कारण उन्हें पेशेवर खेल से कुछ समय के लिए दूरी बनानी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने टेनिस अकादमी खोलकर कोचिंग देना शुरू कर दिया था। राधिका को उनके पड़ोसी और दोस्त एक विनम्र, मेहनती और प्रतिभाशाली लड़की के रूप में याद करते हैं। यह घटना उनके कोचों और साथी खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ा सदमा है।
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