मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि इसी महान सदन में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को मनाने का सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया था।
Haryana Legislative Assembly Session: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित एक सरकारी प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत किया। इस भावपूर्ण और गरिमामयी प्रस्ताव को पूरे सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया और गुरु साहिब के महान बलिदान को नमन किया। (CM Nayab Singh Saini addressed the assembly on the 350th martyrdom anniversary of Guru Tegh Bahadur Ji )
सदन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त 2025 में इसी सदन ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को राज्य स्तर पर मनाने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा, "श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन भारतीय सभ्यता की उस आत्मा का प्रतीक है, जिसने धर्म और सत्य की रक्षा के लिए स्वयं को बलिदान कर दिया, लेकिन अन्याय के सामने कभी सिर नहीं झुकाया।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन आयोजनों को भव्य बनाने के लिए 3 नवंबर को चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक बुलाकर आम राय ली गई थी। 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाल समागम में शिरकत कर गुरुजी को नमन किया और उनकी स्मृति में सिक्का, डाक टिकट और कॉफी टेबल बुक जारी की।
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि उसी दिन प्रधानमंत्री ने कुरुक्षेत्र में महाभारत थीम पर आधारित ‘अनुभव केंद्र’और भगवान कृष्ण के शंख के नाम पर ‘पंचजन्य स्मारक’ का लोकार्पण भी किया था, जिसकी सराहना उन्होंने अपने ‘मन की बात’कार्यक्रम में भी की। मुख्यमंत्री ने गुरु साहिब की स्मृति में सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी भी सदन में साझा की।
उन्होंने बताया कि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा में श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और दर्शन पर शोध के लिए एक विशेष चेयर स्थापित की जाएगी। गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक अंबाला का नाम अब श्री गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा यमुनानगर के किशनपुरा में गुरु तेग बहादुर कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है, जबकि कलेसर, यमुनानगर में गुरु साहिब के नाम पर एक विशाल वन विकसित किया जाएगा।
सीएम ने बताया कि गुरु जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर कार्यक्रम हुए: रक्तदान: 350 शिविरों में 23,000 से अधिक यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। निबंध और कहानी प्रतियोगिताओं में साढ़े तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। करनाल में आयोजित 'हिन्द की चादर' मैराथन में 80,000 से ज्यादा धावकों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री ने बड़खालसा में दादा कुशाल सिंह दहिया के बलिदान स्थल पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी का शीश आनंदपुर साहिब पहुंचाने के लिए अपना शीश न्योछावर कर दिया था। इसी प्रकार भाई जैता जी, भाई दयाला जी, भाई सती दास जी और भाई मति दास जी के अद्वितीय बलिदानों को भी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्मरण किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
उन्होंने बताया कि यमुनानगर जिले के कलेसर में गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर वन विकसित करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही यमुनानगर के किशनपुरा में गुरु तेग बहादुर कृषि महाविद्यालय खोलने की भी घोषणा की गई है।
मुख्यमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस के कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रदेशवासियों, सामाजिक संगठनों और सभी जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने पौने तीन करोड़ हरियाणावासियों और इस महान सदन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया।
अंत में मुख्यमंत्री ने सदन के समक्ष प्रदेश की जनता की ओर से इस सरकारी प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह किया, जिसे विधानसभा ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।
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