
विकास” के नाम पर आदिवासी अस्मिता और आजीविका पर हमला बर्दाश्त नहीं : राफिया नाज़
Ranchi News In Hindi : रांची (राजेश चौधरी), झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा नगडी क्षेत्र में प्रस्तावित RIMS पार्ट-2 के लिए ग्रामीणों को उनके खेतों में धान लगाने से रोके जाने की घटना पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का “अबुआ सरकार” का नारा अब पूरी तरह से जनविरोधी और छलावा साबित हो चुका है।
हाल ही में रांची के नगडी क्षेत्र में प्रस्तावित RIMS पार्ट-2 को लेकर जो घटनाएं सामने आईं, उन्होंने सरकार की असंवेदनशीलता को एक बार फिर उजागर कर दिया है। जब ग्रामीणों को प्रशासन द्वारा अपने ही खेतों में धान रोपने से रोका गया, तब वे मजबूरी में सड़क पर मिट्टी बिछाकर धान लगाने को विवश हो गए। यह दृश्य न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि झारखंड की आदिवासी-कृषक संस्कृति पर सीधा आघात है।
उन्होंने कहा “झारखंड की लगभग 76% आबादी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर है, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय शामिल है। जल, जंगल और जमीन इनकी पहचान ही नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। लेकिन वर्तमान सरकार “विकास” के नाम पर इनकी उपजाऊ ज़मीनें बलपूर्वक हड़प रही है, बिना किसी स्पष्ट योजना, पुनर्वास या सहमति के।”
राफिया ने कहा झारखंड की “हेमंत सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को 18वीं सदी में पहुंचा दिया है।यह सरकार सिर्फ वादों और विज्ञापनों में जनता का इलाज कर रही है, बल्कि ज़मीनी सच्चाई भयावह है।जिले-दर-जिले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल हैं, हजारों पद खाली हैं, और डॉक्टर-कर्मी नदारद। 3497 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में 70% बिना भवन के हैं, 5300 से अधिक चिकित्सा पदों में 4000 से ज़्यादा खाली हैं। मातृ मृत्युदर और शिशु मृत्युदर में वृद्धि, हर रोज़ इलाज के अभाव में होती मौतें..क्या यही जानता का राज है?”
उन्होंने कहा” स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत यह है की झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह विफल हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मरीजों को चारपाई पर ढोकर अस्पताल ले जाया जा रहा है। यह 21वीं सदी के झारखंड की भयावह तस्वीर है, और इसका पूरा दोष राज्य सरकार की लापरवाहियों पर जाता है,”
राफिया नाज़ ने कहा “हजारीबाग और दुमका मेडिकल कॉलेजों की बदहाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हजारीबाग में न तो पर्याप्त डॉक्टर हैं, न आधुनिक उपकरण। फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दुमका की स्थिति तो और भी चिंताजनक है, जहां कई विभाग वर्षों से बंद पड़े हैं। सरकार ने इन संस्थानों को राजनीति का शिकार बना दिया है।”
राफिया नाज़ ने कहा, “झारखंड की जनता सब कुछ देख रही है। सरकार आदिवासियों और किसानों की ज़मीन हथिया रही है, अस्पतालों की हालत खस्ताहाल है और मरीज सड़कों पर मर रहे हैं। सरकार सिर्फ नारों से नहीं, नीयत और नीति से चलती है। और इस सरकार की नीयत में ही खोट है।”
उन्होंने दृढ़ता से कहा कि “भाजपा झारखंड की आम जनता के अधिकारों की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेगी। “हम किसी भी कीमत पर किसानों और आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। जल, जंगल और ज़मीन झारखंड की पहचान है और हम इसे मिटने नहीं देंगे,”
(For More News Apart From Jharkhand govt is treating public only through promises Rafia Naz News In Hindi, Stay Tuned To Rozana Spokesman Hindi)