
25 जून को कांग्रेस पार्टी को पूरे देश में माफी सभा कर जनता से माफी मांगनी चाहिए
Ranchi News In Hindi: रांची, केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने कांग्रेस पार्टी और हेमंत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 50 साल पहले श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपी ,लोकतंत्र की हत्या की तो देश की युवा पीढ़ी को आज जानने की जरूरत है कि लोकतंत्र की जननी भारत जहां लिच्छवी गणराज्य था में आखिर आपातकाल क्यों लगाया गया। क्यों लोकतंत्र को मारने की कोशिश की। तो यह स्पष्ट है कि आपतकाल लगाने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा जी वंशवाद की उपज थी। लोकतंत्र और वंशवाद एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते।
कहा कि 1971 में 24 अप्रैल को राज नारायण जी ने इंदिरा गांधी द्वारा चुनाव में धोखाधड़ी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए 12 जून 1975 को श्रीमती इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया। इधर देश के अंदर कांग्रेस कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन गुजरात से शुरू होकर बिहार पहुंच गया था। न्यायालय के फैसले ने आंदोलन को बल दिया। ऐसी स्थिति में इंदिरा गांधी का तानाशाही चेहरा सामने आया। उन्होंने दोष मुक्ति तक पद से इस्तीफा देने का फैसला न कर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन 24 जून 75 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला दिया।
कहा कि वंशवाद की उपज और सत्ता की लोलुप श्रीमती इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए देश पर 25 जून 75 की रात तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर से आपातकाल थोप दिया। रेडियो प्रसारण से देश की जनता इस काले संदेश को सुनी,लाखों लोगों को बिना कोई कसूर के गिरफ्तार किया गया। 2लाख से अधिक राजनीतिक दल के नेताओं की गिरफ्तारी की गई। अटल जी आडवाणी जी,राज नारायण झारखंड के कड़िया मुंडा जैसे अनेक नेता गिरफ्तार किए गए।महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया।20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को निरस्त कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि आज भले ही मस्जिदों से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में फतवा जारी होता है लेकिन आपतकाल में मस्जिदों को भी नहीं बख्शा गया था। पकड़ पकड़ कर नसबंदी की जा रही थी।
कहा कि आज राहुल गांधी जो किताब लेकर घूमते फिरते संविधान बचाने की दुहाई देते हैं उन्हें अपना इतिहास पढ़ना चाहिए।
कहा कि आज के नौजवानों को कांग्रेस के इस चरित्र को जानना जरूरी है। आज कलम की ताकत लोकतंत्र के कारण बची है। कलम बंद नहीं करना पड़े इसलिए आज की पीढ़ी को लोकतंत्र के काले अध्याय के विषय में जानना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को थेथर लॉजी छोड़कर 25 जून को देश भर में माफी सभा करके देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। कहा कि भाजपा देश भर में मॉक पार्लियामेंट के माध्यम से युवाओं को इस काले अध्याय से परिचित करा रही है। झारखंड में आजादी की तीसरी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
सिंह ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां तो आपतकाल से भी भयावह स्थिति है। झारखंड जमाई टोला का राज्य बनता जा रहा। झारखंड बारूद के ढेर पर बैठा है। यह बारूद जमाई टोला है।
कहा कि देश से घुसपैठियों को बाहर करने का काम किया जा रहा चिह्नित किया जा रहा है लेकिन झारखंड में रेड कार्पेट बिछाया जा रहा । आदिवासी आबादी घट रही। उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज बचेगा तभी तो नेता बनेंगे।
कहा कि हेमंत सरकार अबतक पेसा कानून लागू नहीं किया है। यह कानून आदिवासियों की परंपरा संस्कृति को बचाने का कानून है। जल जंगल जमीन पर अधिकार दिलाने का कानून है।
कहा कि आज राज्य के युवाओं को दलगत भावना से ऊपर उठकर झारखंड को बचाने केलिए चिंता करनी चाहिए।
कहा कि हेमंत सरकार सत्ता के लोभ में घुसपैठियों को संरक्षण देकर आपातकाल से भी ज्यादा खतरनाक खेल खेल रही है।
प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष वरुण साहू,प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,महानगर प्रदेश प्रवक्ता अजय साह, वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह उपस्थित थे।
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