Himachal Pradesh: 2300 करोड़ की क्रिप्टो घोटाला मामले में ED की रेड, 3 लॉकर फ्रीज और नकद जब्त

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Himachal Pradesh: 2300 करोड़ की क्रिप्टो घोटाला मामले में ED की रेड, 3 लॉकर फ्रीज और नकद जब्त
Published : Dec 15, 2025, 4:24 pm IST
Updated : Dec 15, 2025, 4:24 pm IST
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ED conducts raids in ₹2300 crore crypto scam case
ED conducts raids in ₹2300 crore crypto scam case

ED ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 8 जगहों पर छापे मारे।

Himachal Pradesh: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर हिमाचल और पंजाब के निवेशकों से लगभग 2300 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने 5 एजेंटों के तीन लॉकर फ्रीज कर दिए हैं। साथ ही, लगभग 1.2 करोड़ रुपये की बैंक शेष राशि और सावधि जमा (एफडी) जब्त की गई है। (ED conducts raids in ₹2300 crore crypto scam case news in hindi) 

इसके अतिरिक्त, कई अचल संपत्तियों में किए गए निवेश, बेनामी संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़, निवेशकों का डेटाबेस, कमीशन संरचना और डिजिटल उपकरण भी बरामद किए गए हैं। इन साक्ष्यों से बड़े पैमाने पर धन शोधन और अवैध संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि हुई है।

ईडी ने पांच एजेंटों—विजय कुमार जुनेजा, परस राम, गोबिंद गोस्वामी, विशाल शर्मा और रविकांत—के हिमाचल और पंजाब में आठ ठिकानों पर दबिश दी। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई। ईडी ने यह जांच हिमाचल और पंजाब के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कई मामलों के आधार पर शुरू की थी।

दोनों राज्यों में मुख्य आरोपित मंडी निवासी सुभाष शर्मा और उससे जुड़े अन्य आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज हैं। सुभाष शर्मा को इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह वर्ष 2023 में देश छोड़कर फरार हो गया था। आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, चिट फंड अधिनियम 1982, अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

जांच में पता चला है कि आरोपितों ने कोर्वियों, वोस्क्रो, डीजीटी, हापरनेक्स्ट और ए ग्लोबल जैसे कई फर्जी और स्वयं निर्मित क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेशकों को असाधारण और त्वरित मुनाफे का लालच दिया। इन प्लेटफॉर्म्स का कोई नियामक ढांचा नहीं था और इन्हें पोंजी स्कीम की तरह संचालित किया जा रहा था। नए निवेशकों से जुटाई गई राशि का उपयोग पुराने निवेशकों को भुगतान करने में किया गया, जिससे स्कीम को लंबे समय तक चलाया गया।

तलाशी के दौरान ईडी को कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। जांच में पता चला कि आरोपितों ने बार-बार फर्जी क्रिप्टो टोकन तैयार किए और उनकी कीमतों में मनमाने ढंग से हेरफेर किया। धोखाधड़ी छुपाने के लिए प्लेटफॉर्म को समय-समय पर बंद कर नए नामों से दोबारा शुरू किया गया। इस तरीके से निवेशकों को भ्रमित किया गया और उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि वे किसी वैध डिजिटल एसेट में निवेश कर रहे हैं।

(For more news apart from ED conducts raids in ₹2300 crore crypto scam case news in hindi, stay tuned to Rozanaspokesman Hindi) 

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