
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वॉटर डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें केवल पानी का सेवन किया जाता है।
What is water fasting? its advantages and disadvantages News In Hindi: आज के समय में लोग वजन कम करने के लिए बहुत सारे प्रयास करते हैं। इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ सही डाइट भी शामिल है। कीटो और कई तरह की डाइट इन दिनों काफी प्रचलित हैं। जिन्हें अपनी पसंद के हिसाब से फॉलो करना चाहिए। इन सभी में लिक्विड डाइट भी शामिल है, जिसमें सिर्फ लिक्विड चीजों का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही वॉटर डाइट भी ऐसी ही होती है।
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वॉटर डाइट एक ऐसी डाइट है जिसमें केवल पानी का सेवन किया जाता है। लेकिन क्या यह सही है क्योंकि हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए सभी तरह के पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है, तो क्या वॉटर फास्टिंग से शरीर को फ़ायदा होता है या नुकसान और इस दौरान कौन सी गलतियाँ सेहत को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती हैं?
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि वॉटर डाइट एक ऐसी डाइट है, जिसमें व्यक्ति सिर्फ पानी पीता है और कुछ समय तक कोई ठोस आहार नहीं खाता है, इसे आम तौर पर वॉटर फास्ट भी कहा जाता है। शरीर को डिटॉक्स करने, वजन कम करने और पाचन तंत्र को आराम देने के लिए कभी-कभार वॉटर डाइट अपनाई जा सकती है, लेकिन इसे बहुत सोच-समझकर और सीमित समय के लिए ही अपनाना चाहिए। यह डाइट शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकती है, इसके साथ ही भूख को नियंत्रित करना आसान हो सकता है और इंसुलिन के स्तर को भी बेहतर कर सकता है।
वॉटर फास्टिंग के नुकसान
कुछ लोग धार्मिक उपवास या मानसिक स्पष्टता के लिए भी इसका पालन करते हैं। लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। लंबे समय तक सिर्फ पानी पर रहने से शरीर कमजोर हो सकता है, इस डाइट से चक्कर आना, थकान, लो ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह डाइट खासकर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या दिल से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है। वॉटर डाइट शुरू करने से पहले हेल्थ चेकअप करवाना और अपने शरीर की जरूरतों को जानना बहुत जरूरी है। ऐसा हमेशा किसी एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए। इस दौरान भरपूर आराम करना चाहिए, एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए और शरीर में दिखने वाले लक्षणों को समझना चाहिए। अगर आपको कमजोरी, जी मिचलाना या सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं, तो डाइट तुरंत बंद कर दें और कुछ हेल्दी खाएं।
यह कब तक और कैसे किया जाना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस डाइट को एक या दो दिन से ज़्यादा नहीं फॉलो किया जा सकता। इस डाइट को डॉक्टर की देखरेख में ही फॉलो करना बहुत ज़रूरी है। इस डाइट को अपनाने से पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि यह डाइट हर किसी के लिए नहीं है और इसे सही तरीके से और सीमित समय के लिए करने पर ही फ़ायदा होगा, नहीं तो इससे सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इस तरह की डाइट को अपनाना सबसे समझदारी और सुरक्षित है।
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